चित्रानुसार एक आवेश $+q$ ' $L$ 'आकार की भूसम्पर्कित एक चालक पट्टी के दोनों भागों से ' $d$ ' दूरी पर स्थित है. आवेश $+q$ पर कार्यरत बल
$O$ की ओर है और इसका परिमाण $\frac{q^2}{32 \pi \varepsilon_0 d^2}(2 \sqrt{2}+1)$ है.
$O$ से दूर है और इसका परिमाण $\frac{q^2}{32 \pi \varepsilon_0 d^2}(2 \sqrt{2}+1)$ है.
$O$ की ओर है और इसका परिमाण $\frac{q^2}{32 \pi \varepsilon_0 d^2}(2 \sqrt{2}-1)$ है.
$O$ से दूर है और इसका परिमाण $\frac{q^2}{32 \pi \varepsilon_0 d^2}(2 \sqrt{2}-1)$ है.
निर्वात् की विद्युतशीलता का मान होता है
एक धनात्मक आवेशित लम्बे सीधे तार द्वारा $r$ दूरी पर विद्युत क्षेत्र का मान $r^{-1}$ के समानुपाती है। ऐसे एक लम्बे सीधे तार के चारों ओर दो इलेक्ट्रान $1 \,\mathring A$ और $2 \,\mathring A$ त्रिज्या वाली वृतीय कक्षाओं में परिक्रमण करते है। इनके आवर्तकाल का अनुपात निम्न है
चार एकसमान लोलकों को $100 gm$ द्रव्यमान के गेंद को $20 \,cm$ के धागे से बाँधकर बनाया गया है |इन चारों लोलकों को एक ही बिन्दु से लटकाया जाता है | प्रत्येक गेंद को $Q$ आवेश दिया जाता है जिसके परिणामस्वरुप सारी गेंदे एक दूसरे से दूर हो जाती हैं | प्रत्येक धागा उर्ध्वाधर से $45^{\circ}$ का कोण बनाता है $\mid Q$ का मान लगभग ................. $\mu C$ होगा? $(\frac{1}{4 \pi \varepsilon_0}=9 \times 10^4 \,Sl$ इकाई में )
तीन आवेश $ - {q_1}, + {q_2}$ तथा $ - {q_3}$ चित्रानुसार रखे हैं। $ - {q_1}$ पर बल का $x-$घटक अनुक्रमानुपाती है
दो एकसमान आवेशित गोलों को बराबर लम्बाई की डोरियों से लटकाया गया है। डोरियाँ एक-दूसरे से $30^{\circ}$ का कोण बनाती है। जब $0.8\, gcm ^{-3}$, घनत्व के द्रव में लटकाया जाता हैं, तो कोण वही रहता है। यदि गोले के पदार्थ का घनत्व $1.6\, gcm ^{-3}$ है, तब द्रव का परावैघुतांक है