$C{H_3}CH(OH).COOH$ प्रदर्शित करता है
ज्यामिती समावयवता
प्रकाश समावयवता
दोनों
कोई नहीं
लैक्टिक अम्ल में एक मेथिल समूह, एक हाइड्रॉक्सिल समूह, एक कार्बोक्सिलिक समूह तथा एक हाइड्रोजन परमाणु केन्द्रीय कार्बन परमाणु से जुड़े हुए हैं। अणु की ज्यामिती में निम्न की उपस्थिति के कारण यह प्रकाशिक समावयवता प्रदर्शित करेगा
प्रकाश-सक्रिय टार्टरिक अम्ल को $D-(+)-$ टार्टरिक अम्ल कहते हैंं क्योंकि इसमें होता है धनात्मक
निम्न में से ध्रुवण अघूर्णक यौगिक है।
प्रकाशिक तथा ज्यामितीय समावयवता में एक समानता है, वह है
एक ऐनेनटिओमरी मिश्रण की ध्रुवता घूर्णकता $+12.6^{\circ}$ है और $\left(_{+}\right)$समावयव का विशिष्ट ध्रुवण घूर्णन $+30^{\circ}$ है। प्रकाशिक शुद्धता $..........\%$ है।