प्रकाश-सक्रिय टार्टरिक अम्ल को $D-(+)-$ टार्टरिक अम्ल कहते हैंं क्योंकि इसमें होता है धनात्मक
प्रकाशीय घूर्णन तथा $D-$ ग्लूकोज से व्युत्पित
कार्बनिक विलायक में $pH$
प्रकाशीय घूर्णन तथा $D(+)$ ग्लिसरेल्डिहाइड से व्युत्पित
प्रकाशीय घूर्णन केवल तभी जब ड्यूटेरियम द्वारा प्रतिस्थापित हों
$P$ और $Q$ एक डाइकार्बोक्सिलिक अम्ल $C _4 H _4 O _4$ के दो समावयवी हैं। दोनों $Br _2 / H _2 O$ को रंगहीन करते हैं। गर्म करने पर $P$ चक्रीय एनहाइड्राइड बनाता है।
तनु क्षारीय $KMnO _4$ द्वारा $P$ और $Q$ अलग-अलग अभिक्रिया कर एक अथवा एक से अधिक यौगिक $S , T$ अथवा $U$ बना सकते हैं।
$1.$ $P$ तथा $Q$ द्वारा बने यौगिक क्रमशः है
$(A)$ ध्रुवण घूर्णक $S$ एवं ध्रुवण घूर्णक युग्म ( $T, U$ )
$(B)$ ध्रुवण निष्क्रिय $S$ एवं ध्रुवण निष्क्रिय युग्म ( $T , U$ )
$(C)$ ध्रुवण घूर्णक युग्म $( T , U )$ एवं ध्रुवण घूर्णक $S$
$(D)$ ध्रुवण निष्क्रिय युग्म $(T, U)$ एवं ध्रुवण निष्क्रिय $S$
$2.$ निम्नलिखित अभिक्रिया अनुक्रमों में, $V$ और $W$ क्रमशः हैं :
mcq $Image$
इस प्रश्न के उतर दीजिये $1$ ओर $2.$
निम्न में से कौन किरल होगा
$(\pm) \quad Ph ( C = O ) \quad C ( OH )( CN ) Ph$ एवं $HCN$ की अभिक्रिया से विरचित त्रिविम समावयवों की संख्या $..........$ है।[जहाँ $Ph ,- C _6 H _5$ है]
प्रकाश सक्रिय यौगिक है
निम्न यौगिक प्रदर्शित कर सकता है