एक परावैद्युत पट्टी को संधारित्र की प्लेटों के बीच रखते हैं, जबकि संधारित्र बैटरी से जुड़ा है, तब
प्लेटों के बीच विभवान्तर परिवर्तित होता है
आवेश बैटरी से संधारित्र की ओर प्रवाहित होता है
प्लेटों के बीच विद्युत क्षेत्र परिवर्तित होता है
संधारित्र में संचित ऊर्जा घटती है
एक समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के मध्य तेल भरा हुआ है (तेल का परावैद्युतांक$K = 2$ है) इसकी धारिता $C$ है। यदि तेल हटा लिया जाये तो संधारित्र की धारिता हो जायेगी
धारिता $12\, pF$ वाले एक समान्तर पट्ट संधारित्र को इसकी प्लेटों के मध्य $10\, V$ विभवान्तर उत्पन्न करने के लिए एक बैटरी द्वारा आवेशित किया जाता है। अब आवेशन बैटरी को हटा दिया जाता है तथा प्लेटों के मध्य $6.5$ परावैधुतांक वाली पोर्सिलेन पट्टिका लगाई जाती है तो पट्टिका पर संधारित्र द्वारा किया गया कार्य ......$pJ$ है।
एक समानान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता $C$ है। यदि संधारित्र की प्लेटों के मध्य की दूरी को दुगना करके कोई परावैद्युतांक माध्यम भर दिया जाता है। इस प्रकार प्राप्त संधारित्र की धारिता $2C$ है। माध्यम का परावैद्युतांक होगा
एक समान्तर प्लेट संधारित्र के बीच की दूरी $8$ मिमी तथा विभवान्तर $120$ वोल्ट है। यदि प्लेटों के बीच $6$ मिमी मोटाई की परावैद्युत प्लेट रख दी जावे जिसके पदार्थ का परावैद्युतांक $6$ हो, तो
जब आवेशित संधारित्र की प्लेटों के मध्य परावैद्युत पदार्थ को रख दिया जाता है, तो प्लेटों के मध्य विद्युत क्षेत्र