जब कैथोड किरणों के लम्बवत् चुम्बकीय क्षेत्र आरोपित किया जाये तो उनकी

  • A

    ऊर्जा घटती है

  • B

    ऊर्जा बढ़ती है

  • C

    संवेग बढ़ता है

  • D

    संवेग एवं ऊर्जा अपरिवर्तित रहती है

Similar Questions

विभवान्तर $' V ^{\prime}$ द्वारा त्वरित, एक प्रोटॉन (द्रव्यमान $m$ ), किसी अनुप्रस्थ एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र $B$ से होकर तीव्र चाल से गुज़रता है। यह चुम्बकीय क्षेत्र $' d '$ चौड़ाई तक विस्तरित है। यदि, यह प्रोटॉन, चुम्बकीय क्षेत्र के कारण अपनी गति की प्रारंभिक दिशा से $' \alpha '$ कोण से विचलित हो जाता है (आरेख दे खिये) तो, $\sin \alpha$ का मान होगा :

  • [JEE MAIN 2015]

एक इलेक्ट्रॉन पूर्व की दिशा में क्षैतिज गति कर रहा है। ऊध्र्वाधर नीचे की ओर कार्यरत एक चुम्बकीय क्षेत्र, इस इलेक्ट्रॉन पर निम्न दिशा में बल आरोपित होगा

एक इलेक्ट्रॉन एक समान चुम्बकीय क्षेत्र $\overrightarrow{\mathrm{B}}=\mathrm{B}_0 \hat{\mathrm{i}}+2 \mathrm{~B}_0 \hat{\mathrm{j}} \mathrm{T}$ से होकर गति करता है। किसी क्षण इलेक्ट्रॉन वेग $\overrightarrow{\mathrm{u}}=3 \hat{\mathrm{i}}+5 \hat{\mathrm{j}} \mathrm{m} / \mathrm{s}$ है। यदि इलेक्ट्रॉन पर आरोपित चुम्बकीय बल $\overrightarrow{\mathrm{F}}=5e \hat{\mathrm{k}} \mathrm{N}$ न्यूटन हो, जहाँ $\mathrm{e}$ इलेक्ट्रॉन का आवेश है तो $\mathrm{B}_0$ का मान. . . . . . . . . . ${T}$ होगा।

  • [JEE MAIN 2024]

वर्णित हेल्महोल्टज कुंडलियों का उपयोग करके किसी लघुक्षेत्र में $0.75\, T$ का एकसमान चुंबकीय क्षेत्र स्थापित किया है। इसी क्षेत्र में कोई एकसमान स्थिरवैध्यूत क्षेत्र कुंडलियों के उभयनिष्ठ अक्ष के लंबवत लगाया जाता है। (एक ही प्रकार के ) आवेशित कणों का $15 \,kV$ विभवांतर पर त्वरित एक संकीर्ण किरण पुंज इस क्षेत्र में दोनों कुंडलियों के अक्ष तथा स्थिरवैध्यूत क्षेत्र की लंबवत दिशा के अनुदिश प्रवेश करता है। यदि यह किरण पुंज $9.0 \times 10^{-5}\, V m ^{-1}$, स्थिरवैध्यूत क्षेत्र में अविक्षपित रहता है तो यह अनुमान लगाइए कि किरण पुंज में कौन से कण हैं। यह स्पष्ट कीजिए कि यह उत्तर एकमात्र उत्तर क्यों नहीं है।

यदि एक इलेक्ट्रॉन $({e^ - })$ वेग $\mathop v\limits^ \to  $ से चुम्बकीय क्षेत्र $\mathop B\limits^ \to  $ की दिशा में गतिमान है, तब इलेक्ट्रॉन पर लगने वाला बल है