एक समान्तर प्लेट संधारित्र की वोल्टेज श्रेणी (rating) $500\, V$ है। इसका परावैधुत पदार्थ अधिकतम $10^{6} \,V / m$ का विधुत क्षेत्र सहन कर सकता है। प्लेट का क्षेत्रफल $10^{-4} m ^{2}$ है। यदि संधारित्र की धारिता का मान $15 \,pF$ हो तो परावैधुतांक का मान होगा । (दिया है $\in_{0}=8.86 \times 10^{-12} \,C ^{2} / Nm ^{2}$ )
$3.8$
$6.2$
$4.5$
$8.5$
एक समान्तर पट्टिका संधारित्र की पट्टिकाओं का क्षेत्रफल $S$ तथा पट्टिकाओं के वीच में दूरी $d$ है तथा इसकी वायु में धारिता $C _1$ है। जब पट्टिकाओं के मध्य दो अलग-अलग सापेक्ष परावैद्युतांकों $\left(\varepsilon_1=2\right.$ तथा $\left.\varepsilon_2=4\right)$ के पराविधुत पदार्थ दर्शाये चित्रानुसार रखे जाते है तब इस प्रकार बने नये संधातित्र की धारिता $C _2$ हो जाती है। तब अनुपात $\frac{ C _2}{ C _1}$ है।
एक गोलीय वायु संधारित्र का बाहरी गोला भू-संपर्कित है। उसकी विद्युत धारिता बढ़ाने के लिये
दिखाए गए चित्र में, एक समांतर प्लेट संधारित्रों की प्लेटों के मध्य एक संयुक्त परावैधुत रखकर, संधारित्र बनाया गया है। इस संधारित्र की धारिता होगी। (दिया है, प्लेट का क्षेत्रफल $= A$ )
किसी समान्तर पट्टिका संधारित्र व्यवस्था में संधारित्र की पट्टिका का क्षेत्रफल $2 \,m ^{2}$ तथा दो पट्टिकाओं के बीच पथकन् $1 \,m$ है। यदि पट्टिकाओं के बीच के रिक्त स्थान में $0.5\, m$ मोटाई तथा क्षेत्रफल $2 \,m ^{2}$ (आरेख देखिए) का कोई परावैधुत पदार्थ भर दें, तो इस व्यवस्था की धारिता $.....\,\varepsilon_{0}$ होगी। (पदार्थ का परावैधुतांक $=3.2$ ) (निकटतम पूर्णांक तक पूर्णांकित)
दो एक समान आवेशित गोले बराबर लम्बाई की डोरी से लटके है। डोरियाँ एक दूसरे के साथ $\theta$ कोण बनाती है। जब पानी में लटकाया जाता है, तो कोण समान रहता हैं। यदि गोले के पदार्थ का घनत्व $1.5 \mathrm{~g} / \mathrm{cc}$ हो तो पानी का परावैद्युतांक. . . . . . . . . होगा।
(पानी का घनत्व $=1 \mathrm{~g} / \mathrm{cc}$ )