वह संक्रमण धातु जिसकी तीसरी आयनन एन्थैल्पी उच्चतम होती है, है :
$\mathrm{Cr}$
$\mathrm{Mn}$
$\mathrm{V}$
$\mathrm{Fe}$
${V_2}{O_5}$ एक उत्प्रेरक के रूप में काम आता है
केवल मरकरी ऐसी धातु है जो ${0\,^o}C$ पर द्रव होती है इसका कारण है
$Cr$ से $Cu$ तक परमाण्विक आयतन में कमी नगण्य है क्योंकि
$M ^{2+} / M$ तथा $M ^{3+} / M ^{2+}$ निकाय वेफ संदर्भ में कुछ धातुओं के ${E^\Theta }$ मान नीचे दिए गए हैं।
$Cr ^{2+} / Cr \,-0.9 \,V$
$Cr ^{3} / Cr ^{2+}\,-0.4 \,V$
$Mn ^{2+} / Mn \,-1.2\, V$
$Mn ^{3+} / Mn ^{2+}\,+1.5 \,V$
$Fe ^{2+} / Fe\, -0.4 \,V$
$Fe ^{3+} / Fe ^{2+}\,+0.8\, V$
उपरोक्त आँकड़ों के आधार पर निम्नलिखित पर टिप्पणी कीजिए-
$(i)$ अम्लीय माध्यम में $Cr ^{3+}$ या $Mn ^{3+}$ की तुलना में $Fe ^{3+}$ का स्थायित्व।
$(ii)$ समान प्रक्रिया के लिए क्रोमियम अथवा मैंगनीज धातुओं की तुलना में आयरन के ओक्सीकरण में सुगमता।