किसी ग्रह का द्रव्यमान तथा व्यास पृथ्वी से दोगुने हैं। इस ग्रह के तल पर गुरुत्वीय त्वरण ......... $m/{\sec ^2}$ है
$9.8$
$4.9$
$980$
$19.6$
यदि पृथ्वी की त्रिज्या सिकुड़कर वर्तमान की आधी रह जाए जबकि द्रव्यमान नियत रहे तब गुरुत्वीय त्वरण का नया मान होगा
यदि पथ्वी के चक्रण के कोणीय वेग को इस प्रकार बढ़ाया जाए कि विषुवत वत्त पर रखी वस्तुएँ तैरना प्रारम्भ कर दें, तो दिन का अंतराल लगभग हो जायेगा। (मिनिट में) ( $g =10 \,ms ^{-2}$, पथ्वी की त्रिज्या, $R =6400$ $\times 10^{3}\, m , \pi=3.14$ लीजिए)
एक भार को एक स्प्रिंग तुला द्वारा लिफ्ट की छत से बाँध दिया गया है। जब लिफ्ट स्थिर है तो स्प्रिंग तुला का पाठ $W$ है। यदि लिफ्ट अचानक गुरुत्व के अधीन नीचे गिरती है तो स्प्रिंग तुला का पाठ होगा
एक रॉकेट को $10$ किमी/सैकण्ड के वेग से प्रक्षेपित किया जाता है। यदि पृथ्वी की त्रिज्या $R$ हो, तो रॉकेट द्वारा प्राप्त अधिकतम ऊँचा होगी
वह ऊँचाई जिस पर किसी वस्तु का भार पृथ्वी के पृष्ठ पर उसके भार का $1 / 16$ हो जायेगा, है ( यदि $R$ पृथ्वी की त्रिज्या है)