एन्जियोस्पर्मिक पौधे का एण्डोस्पर्म एक जिम्नोस्पर्म के पौधे के एण्डोस्पर्म से भिन्न होता है क्योंकि एन्जियोस्पर्म में
यह निषेचन के पूर्व बनता है जबकि जिम्नोस्पर्म में निषेचन के पश्चात् बनता है
यह निषेचन के पश्चात् बनता है जबकि जिम्नोस्पर्म में निषेचन के पूर्व बनता है
यह कोशिकीय होता है जबकि जिम्नोस्पर्म में नाभिकीय होता है
यह पोषक होता है जबकि जिम्नोस्पर्म में यह सुरक्षात्मक होता है
निम्न में से त्रिगुणित का उदाहरण कौनसा है
एक आवृतबीजी पौधे में भ्रूणपोष का निर्माण द्वितीयक केन्द्रक के निषेचन से होता है किन्तु कुछ बीजों जैसे मटर, सेम, फैसिओलस (मूँग) आदि में भ्रूणपोष नहीं होता है। ऐसा इसलिये होता है क्योंकि इनमें कमी हेाती है
यदि एक द्विबीजपत्री पौधे के एण्डोस्पर्म में क्रोमोजोम संख्या $36$ है तो उसकी जड़ की कोशिकाओं में होंगे