यहाँ आरेख में कुछ समविभव क्षेत्र दर्शाये गये हैं :

प्रत्येक आरेख एक धनात्मक आवेश को $A$ से $B$ तक ले जाते हैं। तो, इस प्रक्रम में, $q$ को $A$ से $B$ तक ले जाने में :

115-739

  • [NEET 2017]
  • A

    सभी चारों आरेखों में समान कार्य करना पडेगा

  • B

    आरेख $(a)$ में न्यूनतम कार्य करना पड़ेगा

  • C

    आरेख $(b)$ में अधिकतम कार्य करना पड़ेगा

  • D

    आरेख $(c)$ में अधिकतम कार्य करना पड़ेगा

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समरूप विद्युत क्षेत्र किसी क्षेत्र में धनात्मक $x$-दिशा की ओर इंगित है। माना $A$ मूलबिन्दु है, $B$, $x$-अक्ष पर $x =  + 1$ सेमी. पर बिन्दु है तथा $C$ $y$-अक्ष पर $y =  + 1$ सेमी. पर एक बिन्दु है तो बिन्दुओं $A$, $B$ व $C$ पर विभव निम्न सम्बंध से सन्तुष्ट होंगे

  • [IIT 2001]

नीचे दो कथन दिये गये है : एक को अभिकथन ($A$) तथा दूसरे को कारण $(\mathrm{R})$ से चिन्हित किया गया है। अभिकथन ($A$) : एक समविभव पृष्ठ पर गतिमान एक धनावेश पर वैद्युत क्षेत्र द्वारा किया गया कार्य सदैव शून्य होता है।

कारण ($R$) : वैद्युत बल रेखाएँ सदैव समविभव पृष्ठ के लम्बवत् होती है।

उपरोक्त कथनों के आलोक में नीचे दिये गए विकल्पों में से सबसे उचित उत्तर का चयन कीजिए।

  • [JEE MAIN 2024]

व्यवस्थात्मकतः निम्नलिखित में संगत समविभव पृष्ठ का वर्णन कीजिएः

$(a)$ $Z-$दिशा में अचर विद्युत क्षेत्र

$(b)$ एक क्षेत्र जो एकसमान रूप से बढ़ता है, परंतु एक ही दिशा ( मान लीजिए $z-$ दिशा) में रहता है।

$(c)$ मूल बिंदु पर कोई एकल धनावेश, और

$(d)$ एक समतल में समान दूरी पर समांतर लंबे आवेशित तारों से बने एकसमान जाल।

एक अनन्त कुचालक चादर के एक सतह पर आवेश घनत्व $\sigma  = 0.10\, \mu C/m^2$ है। यदि इसके विद्युत क्षेत्र में दो समविभवी सतहों के मध्य विभवान्तर $50\, V$ है तो इनके मध्य की दूरी होगी

$6\, cm$ की दूरी पर अवस्थित दो बिंदुओं $A$ एवं $B$ पर दो आवेश $2 \mu C$ तथा $-2 \mu C$ रखे हैं।

$(a)$ निकाय के सम विभव पृष्ठ की पहचान कीजिए।

$(b)$ इस पृष्ठ के प्रत्येक बिंदु पर विध्यूत क्षेत्र की दिशा क्या है?