एक समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता $10\,\mu F$ है जबकि प्लेटों के मध्य वायु है। यदि प्लेटों के मध्य आधी दूरी तक एक परावैद्युत माध्यम जिसका परावैद्युतांक $2$  है, भर दिया जाये तो संधारित्र की नयी धारिता $\mu F$ में होगी

  • A

    $10$

  • B

    $20$

  • C

    $15$

  • D

    $13.33$

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एक वायु संधारित्र की धारिता $1\,pF$ है। यदि प्लेटों के बीच की दूरी दुगुनी कर दी जाये एवं प्लेटों के मध्य मोम भर दी जाये तो धारिता बढ़कर $2\,pF$ हो जाती है, मोम का परावैद्युतांक होगा

एक संधारित्र को बैटरी से जुड़ा रखकर उसकी प्लेटों के बीच एक परावैद्युत पट्टिका रखी जाती है। इस प्रक्रिया में

यदि एक समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के बीच $4 \times {10^{ - 3}}\,m$ मोटी एक कुचालक पट्टी रख दी जाये तो इसकी धारिता पूर्व मान पर लाने के लिए प्लेटों के मध्य दूरी $3.5 \times {10^{ - 3}}\,m$ से बढ़ानी पड़ती है। पदार्थ का परावैद्युतांक होगा

एक समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता $10\,\mu \,F$ (माइक्रो-फैराड) है, उसकी प्लेटों के मध्य में वायु भरी है। अब प्लेटों के बीच के आधे स्थान में एक परावैद्युत माध्यम, जिसका परावैद्युतांक $4$ है, भर दिया जााता है, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। संधारित्र की धारिता बदलकर .........$\mu \,F$ हो जाएगी

एक समान्तर प्लेट संधारित्र की वोल्टेज श्रेणी (rating) $500\, V$ है। इसका परावैधुत पदार्थ अधिकतम $10^{6} \,V / m$ का विधुत क्षेत्र सहन कर सकता है। प्लेट का क्षेत्रफल $10^{-4} m ^{2}$ है। यदि संधारित्र की धारिता का मान $15 \,pF$ हो तो परावैधुतांक का मान होगा । (दिया है $\in_{0}=8.86 \times 10^{-12} \,C ^{2} / Nm ^{2}$ )

  • [JEE MAIN 2019]