किसी वायु संधारित्र की धारिता $15\,\mu F$ है तथा समान्तर पट्टिकाओं के बीच की दूरी $6\,mm$ है। $3\,mm$ मोटाई की एक ताँबे की पट्टिका, सममितत: पट्टिकाओं के बीच डाली जाती है। धारिता अब ......$\mu F$ हो जाती है
$5$
$7.5$
$22.5$
$30$
एक समानान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता $C$ है। यदि संधारित्र की प्लेटों के मध्य की दूरी को दुगना करके कोई परावैद्युतांक माध्यम भर दिया जाता है। इस प्रकार प्राप्त संधारित्र की धारिता $2C$ है। माध्यम का परावैद्युतांक होगा
$A$ संधारित्र की धारिता $15$ परावैद्युतांक वाले माध्यम की उपस्थिति में $15\,\mu F$ है एक अन्य संधारित्र $B$ जिसकी प्लेटों के बीच वायु है, की धारिता $1\,\mu F$ है। दोनों को अलग-अलग $100\;V$ की बैटरी से आवेशित किया जाता है। आवेशन के बाद दोनों को बिना बैटरी व परावैद्युत माध्यम निकालकर समान्तर क्रम में जोड़ा जाता है। अब उभयनिष्ठ विभव .......$V$ होगा
दो एक समान आवेशित गोले बराबर लम्बाई की डोरी से लटके है। डोरियाँ एक दूसरे के साथ $\theta$ कोण बनाती है। जब पानी में लटकाया जाता है, तो कोण समान रहता हैं। यदि गोले के पदार्थ का घनत्व $1.5 \mathrm{~g} / \mathrm{cc}$ हो तो पानी का परावैद्युतांक. . . . . . . . . होगा।
(पानी का घनत्व $=1 \mathrm{~g} / \mathrm{cc}$ )
$2C$ व $C$ धारिता वाले दो संधारित्रों को समांतर क्रम में जोड़कर $V$ भव तक आवेशित किया जाता है। बैटरी को हटाकर $C$ धारिता वाले संधारित्र में परावैद्युतांक स्थिरांक $K$ वाला माध्यमपूर्ण रूप से भर दिया जाता है। प्लेटों के बीच अब विभवान्तर होगा
दो समान्तर धातु की प्लेटें एक दूसरे के सामने कुछ दूरी पर रखी हैं। इन प्लेटों पर $+Q$ और $-Q$ आवेश हैं। यदि प्लेटों को केरोसीन के टैंक में डूबा दिया जाय तो उनके बीच विधुत क्षेत्र