कभी-कभी अत्यधिक ऊर्जायुक्त धनात्मक कण अत्यधिक वेग से आकाश से पृथ्वी की ओर आते हैं। पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के कारण ये विक्षेपित होंगे

  • A

    उत्तर की ओर

  • B

    दक्षिण की ओर

  • C

    पूर्व की ओर

  • D

    पश्चिम की ओर

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इलेक्ट्रॉन की गति की दिशा से $90°$ कोण पर एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र कार्य कर रहा है। परिणामत: इलेक्ट्रॉन $2\, cm$ त्रिज्या के वृत्तीय पथ पर गति करता है। यदि इलेक्ट्रॉन की चाल दोगुनी कर दी जाए तो वृत्तीय पथ की त्रिज्या.....सेमी होगी:

  • [AIPMT 1991]

विभवान्तर $' V ^{\prime}$ द्वारा त्वरित, एक प्रोटॉन (द्रव्यमान $m$ ), किसी अनुप्रस्थ एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र $B$ से होकर तीव्र चाल से गुज़रता है। यह चुम्बकीय क्षेत्र $' d '$ चौड़ाई तक विस्तरित है। यदि, यह प्रोटॉन, चुम्बकीय क्षेत्र के कारण अपनी गति की प्रारंभिक दिशा से $' \alpha '$ कोण से विचलित हो जाता है (आरेख दे खिये) तो, $\sin \alpha$ का मान होगा :

  • [JEE MAIN 2015]

यदि ${10^{ - 12}}$ कूलॉम आवेश वाला एक कण $\hat x - $  दिशा में ${10^5}\,m/s$ के वेग से चलने पर चुम्बकीय क्षेत्र के कारण  $\hat y - $ दिशा में ${10^{ - 10}}\,$ न्यूटन के बल का अनुभव करें तो न्यूनतम चुम्बकीय क्षेत्र होगा

एक प्रोटॉन तथा एक ड्यूट्रॉन जिनकी गतिज ऊर्जाएँ समान हैं, एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र $B$ में क्षेत्र के लम्बवत् प्रवेश करते हैं। प्रोटॉन तथा ड्यूट्रॉन के वृत्तीय पथों की त्रिज्याएँ ${R_p}$ एवं ${R_d}$ के लिए सही कथन है

एक प्रोटॉन और $\alpha $-कण समान वेग से एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् प्रवेश करते हैं। अगर प्रोटॉन $5$ परिक्रमा में $25$ माइक्रो सैकण्ड लेता है तो $\alpha$-कण का आवर्तकाल........$\mu \, sec$ होगा