एक प्रयोग में इलेक्ट्रॉनों को विराम अवस्था से $500 \,V$ वोल्टेज लगाकर त्वरित करते हैं। पथ की त्रिज्या ज्ञात कीजिए यदि लगाया गया चुम्बकीय क्षेत्र $100 \,mT$ है।
[इलेक्ट्रॉन का आवेश $=1.6 \times 10^{-19}\, C$ इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान $\left.=9.1 \times 10^{-31} \,kg \right]$
$7.5\times 10^{-3}\,m$
$7.5\times 10^{-2}\,m$
$7.5\,m$
$7.5\times 10^{-4}\,m$
एक इलैक्ट्रॉन धनात्मक $\mathrm{x}$-अक्ष के अनुदिश गति कर रहा है। यदि गतिमान आवेश पर ऋणात्मक $\mathrm{z}$-अक्ष के समान्तर एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र आरोपित किया जाता हैं, तब
$A$. इलैक्ट्रॉन धनात्मक $y$-अक्ष के अनुदिश चुम्बकीय बल का अनुभव करेगा।
$B$. इलैक्ट्रॉन ॠणात्मक $\mathrm{y}$-अक्ष के अनुदिश चुम्बकीय बल का अनुभव करेगा।
$C$. इलैक्ट्रॉन चुम्बकीय क्षेत्र में किसी बल का अनुभव नही करेगा।
$D$. इलैक्ट्रॉन धनात्मक $\mathrm{x}$-अक्ष के अनुदिश लगातार गति करेगा।
$E$. इलैक्ट्रॉन चुम्बकीय क्षेत्र में वृत्ताकार पथ के अनुदिश गति करेगा।
नीचे दिये गये विकल्पों से सही उत्तर चुनिए:
जब कैथोड किरणों के लम्बवत् चुम्बकीय क्षेत्र आरोपित किया जाये तो उनकी
एक प्रोटॉन और $\alpha$-कण, जिनकी गतिज ऊर्जाएँ क्रमशः $K _{ p }$ और $K _{\alpha}$ हैं, किसी चुम्बकीय क्षेत्र में लम्बवत् प्रवेश करते हैं।
यदि प्रोटॉन और $\alpha$-कण के प्रक्षेप पथों की त्रिज्याओं का अनुपात $2: 1$ है, तो $K _{ p }: K _{\alpha}$ के अनुपात का मान होगा।
एक आवेश चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् वृत्तीय पथ में गति करता है। परिक्रमण का आवर्तकाल निर्भर नहीं होता
एक कण का द्रव्यमान $0.6\, gm$ एवं इस पर आवेश $25\, nC$ है। यह समान वेग ${\rm{1}}{\rm{.2}} \times {\rm{1}}{{\rm{0}}^{\rm{4}}}\,m{s^{ - 1}}$ से एक समरूप चुम्बकीय क्षेत्र में क्षैतिजत: गति कर रहा है। तब चुम्बकीय क्षेत्र का मान है $(g = 10\,m{s^{ - 2}})$