किसी तार को एक सिरे से बाँधकर ऊध्र्वाधर लटकाया जाता है तथा इसे $10$ न्यूटन के बल से खींचा जाता है। बल के कारण तार की लम्बाई में $0.5$ मिमी की वृद्धि होती है। तार द्वारा प्राप्त ऊर्जा और भार के कारण $1.5$ मिमी नीचे खिसकाने में किये गये कार्य का अनुपात है
$\frac{1}{3}$
$\frac{1}{4}$
$\frac{1}{2}$
$1$
तनी हुई रबर में होती है
$Y$ यंग प्रत्यास्थता, $L$ लंबाई एवं $A$ अनुप्रस्थ परिच्छेद के एक ढीले तार का एक सिरा एक हढ़ दीवार से बंधा है। तार का दूसरा सिरा $m$ द्रव्यमान के एक गुटके से बंधा है जो चिकने क्षैतिज तल पर रखा हुआ है। गुटके को $v$ चाल से गति प्रदान की जाती है। तार के सीधे हो जाने के पश्चात गुटका रुकने से पहले कितनी दूरी चल पाएगा।
किसी पिण्ड पर जब अपरूपण बल लगाया जाता है तो तार में प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा संचित होती है। भार हटा देने पर यह ऊर्जा
किसी रेल की पटरी की अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल $0.01 \,m ^{2}$ हैं ताप विचरण $10^{\circ} C$ है। पटरी के पदार्थ का रैखिक, प्रसार गुणांक $10^{-5} /{ }^{\circ} C$ है। पटरी में प्रति मीटर संचित ऊर्जा $......$ जूल है।
(पटरी के पदार्थ का यंग गुणांक $10^{11} \, Nm ^{-2}$ है।)
तार $A$ एवं $B$ समान पदार्थ से बने हैं। $A$ का व्यास $B$ से दोगुना एवं लम्बाई तीन गुनी है। यदि दोनों तारों को समान बल से खींचा जाये तो प्रत्यास्थ सीमा के अन्दर, तार $A$ एवं $B$ में संचित ऊर्जा का अनुपात होगा