जब एकांक धन आवेश को समविभव सतह पर एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक ले जाते है, तो
आवेश पर कार्य किया जाता है
आवेश द्वारा कार्य किया जाता है
किया गया कार्य नियत रहता है
कोई कार्य सम्पन नहीं होता है
निम्न चित्र में समविभव बिन्दु होंगे
$R$ त्रिज्या के किसी एकसमान आवेशित ठोस गोले के पृष्ठ का विभव $V_{0}$ है $(\infty$ के सापेक्ष मापा गया)। इस गोले के लिये, $\frac{3 V_{0}}{2}, \frac{5 V_{0}}{4}, \frac{3 V_{0}}{4}$ तथा $\frac{V_{0}}{4}$ विभवो वाले समविभवी पृष्ठों को त्रिज्यायें, क्रमश: $R_{1}, R_{2}, R_{3}$ तथा $R_{4}$ हैं, तो,
नीचे दो कथन दिये गये है : एक को अभिकथन ($A$) तथा दूसरे को कारण $(\mathrm{R})$ से चिन्हित किया गया है। अभिकथन ($A$) : एक समविभव पृष्ठ पर गतिमान एक धनावेश पर वैद्युत क्षेत्र द्वारा किया गया कार्य सदैव शून्य होता है।
कारण ($R$) : वैद्युत बल रेखाएँ सदैव समविभव पृष्ठ के लम्बवत् होती है।
उपरोक्त कथनों के आलोक में नीचे दिये गए विकल्पों में से सबसे उचित उत्तर का चयन कीजिए।
व्यवस्थात्मकतः निम्नलिखित में संगत समविभव पृष्ठ का वर्णन कीजिएः
$(a)$ $Z-$दिशा में अचर विद्युत क्षेत्र
$(b)$ एक क्षेत्र जो एकसमान रूप से बढ़ता है, परंतु एक ही दिशा ( मान लीजिए $z-$ दिशा) में रहता है।
$(c)$ मूल बिंदु पर कोई एकल धनावेश, और
$(d)$ एक समतल में समान दूरी पर समांतर लंबे आवेशित तारों से बने एकसमान जाल।
यहाँ आरेख में कुछ समविभव क्षेत्र दर्शाये गये हैं :
प्रत्येक आरेख एक धनात्मक आवेश को $A$ से $B$ तक ले जाते हैं। तो, इस प्रक्रम में, $q$ को $A$ से $B$ तक ले जाने में :