जब एकांक धन आवेश को समविभव सतह पर एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक ले जाते है, तो

  • A

    आवेश पर कार्य किया जाता है

  • B

    आवेश द्वारा कार्य किया जाता है

  • C

    किया गया कार्य नियत रहता है

  • D

    कोई कार्य सम्पन नहीं होता है

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निम्न चित्र में समविभव बिन्दु होंगे

$R$ त्रिज्या के किसी एकसमान आवेशित ठोस गोले के पृष्ठ का विभव $V_{0}$ है $(\infty$ के सापेक्ष मापा गया)। इस गोले के लिये, $\frac{3 V_{0}}{2}, \frac{5 V_{0}}{4}, \frac{3 V_{0}}{4}$ तथा $\frac{V_{0}}{4}$ विभवो वाले समविभवी पृष्ठों को त्रिज्यायें, क्रमश: $R_{1}, R_{2}, R_{3}$ तथा $R_{4}$ हैं, तो,

  • [JEE MAIN 2015]

नीचे दो कथन दिये गये है : एक को अभिकथन ($A$) तथा दूसरे को कारण $(\mathrm{R})$ से चिन्हित किया गया है। अभिकथन ($A$) : एक समविभव पृष्ठ पर गतिमान एक धनावेश पर वैद्युत क्षेत्र द्वारा किया गया कार्य सदैव शून्य होता है।

कारण ($R$) : वैद्युत बल रेखाएँ सदैव समविभव पृष्ठ के लम्बवत् होती है।

उपरोक्त कथनों के आलोक में नीचे दिये गए विकल्पों में से सबसे उचित उत्तर का चयन कीजिए।

  • [JEE MAIN 2024]

व्यवस्थात्मकतः निम्नलिखित में संगत समविभव पृष्ठ का वर्णन कीजिएः

$(a)$ $Z-$दिशा में अचर विद्युत क्षेत्र

$(b)$ एक क्षेत्र जो एकसमान रूप से बढ़ता है, परंतु एक ही दिशा ( मान लीजिए $z-$ दिशा) में रहता है।

$(c)$ मूल बिंदु पर कोई एकल धनावेश, और

$(d)$ एक समतल में समान दूरी पर समांतर लंबे आवेशित तारों से बने एकसमान जाल।

यहाँ आरेख में कुछ समविभव क्षेत्र दर्शाये गये हैं :

प्रत्येक आरेख एक धनात्मक आवेश को $A$ से $B$ तक ले जाते हैं। तो, इस प्रक्रम में, $q$ को $A$ से $B$ तक ले जाने में :

  • [NEET 2017]