यदि $_{92}{U^{238}}$ क्रमश: $8\,\alpha {\rm{ - }}$ क्षय तथा $6\beta {\rm{ - }}$ क्षय से गुजरता है। तो परिणामी नाभिक है

  • [AIIMS 1996]
  • A

    $_{82}{U^{206}}$

  • B

    $_{82}P{b^{206}}$

  • C

    $_{82}{U^{210}}$

  • D

    $_{82}{U^{214}}$

Similar Questions

स्थायी नाभिकों के न्यूट्रॉनों की संख्या $(N)$ विरूद्ध प्रोटॉनों की संख्या $(P)$ का आलेख परमाणु क्रमांक, $Z>20$ के लिये रेखिकता से ऊर्ध्रमुखी विंचलन प्रदर्शित करता है। एक अस्थायी नाभिक के लिये जिसका $N / P$ अनुपात $1$ से कम हैं, क्षय की संभव विधा(यें) है/ हैं

$(A)$ $\beta^{-}$-क्षय ( $\bar{\beta}$ उत्सर्जन)

$(B)$ कक्षीय अथवा $K$-इलेक्ट्रॉन प्रग्रण (capture)

$(C)$ न्यूट्रॉन उत्सर्जन

$(D)$ $\beta^{+}$-क्षय (पॉज़िट्रान उत्सर्जन)

  • [IIT 2016]

एक रेडियोएक्टिव तत्व $_{90}{X^{238}}$, $_{83}{Y^{222}}$ में विघटित होता है तो उत्सर्जित $\beta  - $ कणों की संख्या होगी

$1900$ के आसपास हुई खोज के अनुसार $\beta$-क्षय प्रक्रम वास्तव में न्यूटॉन $( n )$ का क्षय होता है। प्रयोगशाला में पाया गया है कि न्यूटॉन के क्षय होने पर प्रोटॉन $( p )$ तथा एक इलेक्ट्रॉन $(\overline{ e })$ जनित होते है। इसलिये, न्यूटॉन क्षय को द्वि-पिंडी क्षय-प्रक्रम मानकर, सैद्धांतिक गणना से यह सिद्ध किया गया कि इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा का मान स्थिर रहना चाहिए। लेकिन प्रयोगों ने दिखाया कि इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा के मान का संतत स्पेक्ट्रम होता है। त्रि-पिंडी क्षय प्रक्रम मानकर, अर्थात $n \rightarrow p+\overline{ e }+\bar{v}_{ e }, 1930$ के आसपास Pauli ने इलेक्ट्रॉन का देखा गया ऊर्जा स्पेक्ट्रम समझाया। प्रति-न्यूट्रिनों ( $\left.\bar{v}_e\right)$ को द्रव्यमान रहित व नगण्य ऊर्जा का मान कर और न्यूट्रॉन को स्थिर मान कर , संवेग व ऊर्जा संरक्षण के नियम गणना में लगायें गये जिससे इलेक्टॉन की अधिकतम गतिज ऊर्जा को $0.8 \times 10^6 eV$ आंका गया। प्रोटॉन की गतिज ऊर्जा केवल प्रतिक्षेप ऊर्जा है। प्रति न्यूट्रीनों की अधिकतम ऊर्जा है।

$1.$ प्रति न्यूट्रीनों की अधिकतम ऊर्जा है।

$(A)$ शून्य

$(B)$ $0.8 \times 10^6 eV$ से बहुत कम

$(C)$ लगभग $0.8 \times 10^6 eV$

$(D)$ $0.8 \times 10^6 eV$ से बहुत अधिक

$2.$ यदि प्रति न्यूट्रिनों का द्रव्यमान शून्य न होकर, $3 eV / c ^2$ हो, (जहाँ $c$, प्रकाश की गति है)तब इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा, $K$, का परास होगा

$(A)$ $0 \leq K \leq 0.8 \times 10^6 \ eV$

$(B)$ $3.0 eV \leq K \leq 0.8 \times 10^6 \ eV$

$(C)$ $3.0 eV \leq K < 0.8 \times 10^6 \ eV$

$(D)$ $0 \leq K < 0.8 \times 10^6 \ eV$

इस प्रश्न के उतर दीजिये $1$ ओर $2.$

  • [IIT 2012]

जब $_4B{e^9}$ परमाणु पर $\alpha - $ कणों की बौछार करते हैं, तो नाभिकीय अभिक्रिया से $_6{C^{12}}$ प्राप्त होता है, तब दूसरा कण होगा

सूची $I$ में कुछ नाभिकीय प्रक्रियाऍॅ दी गई है। सूची $II$ में इन प्रक्रियाओं के जनक नाभिक व एक अंतिम नाभिकीय खंड दिए गए है। सूचियों के नीचे दिये गए कोड का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिए :

List $I$ List $II$
$P.$ $\quad$ऐल्फा क्षय $1.$ $\quad{ }_8^{15} 0 \rightarrow{ }_7^{15} N +\ldots \ldots$.
$Q.$ $\quad$ $\beta^{+}$ क्षय $2.$ $\quad{ }_{92}^{238} U \rightarrow{ }_{90}^{234} Th +\ldots \ldots$.
$R.$ $\quad$ विखंडन $3.$ $\quad{ }_{83}^{185} Bi \rightarrow{ }_{82}^{184} Pb +\ldots \ldots$.
$S.$ $\quad$ प्रोटॉन उत्सर्जन $4.$ $\quad{ }_{94}^{239} Pu \rightarrow{ }_{57}^{140} La +\ldots \ldots$.

Codes: $ \quad \quad P \quad Q \quad R \quad S $ 

  • [IIT 2013]