$200$ वॉट एवं $100$ वॉट शक्ति वाले दो बल्बों के प्रतिरोध क्रमश: ${R_1}$ एवं ${R_2}$ हैं। दोनों बल्ब समान वोल्टता पर कार्य करने के लिये बनाये गये हैं, तब
${R_1}$, ${R_2}$ से दुगना है
${R_2}$, ${R_1}$ से दुगना है
${R_2}$, ${R_1}$ से चार गुना है
${R_1}$, ${R_2}$ से चार गुना है
किसी चालक से $2\, A$ की धारा $10\, sec$ तक प्रवाहित होने पर $80$ जूल ऊष्मा उत्पन्न होती है चालक का प्रतिरोध .............. $\Omega$ होगा
दो विद्युत बल्ब जिनका प्रतिरोध $1 : 2$ के अनुपात में है, श्रेणीक्रम में जोड़े गये हैं। इनमें व्यय विद्युत शक्ति का अनुपात होगा
$100\, W$ एवं $200\, W$ के दो बल्ब $220\, V$ पर कार्य करने के लिये बने हैं। यदि इन्हें श्रेणीक्रम में जोड़कर संयोजन को $220\, V$ की सप्लाई दी जाये तो व्यय शक्ति लगभग ............ $watt$ होगी
$l$ लम्बाई, $r$ अनुप्रस्थ काट की त्रिज्या तथा $r$ घनत्व के एक तार से $i$ धारा प्रवाहित हो रही है। उत्पन्न ऊष्मा की दर होगी
विधुत केतली का हीटर $L$ लम्बाई तथा $d$ व्यास वाले एक तार से बना है। इससे $0.5 \ kg$ जल के तापमान में $40 \ K$ की वृद्धि करने के लिए $4$ मिनट का समय लगता है। इस हीटर के स्थान पर एक नया हीटर उपयोग में लाया जाता है जिसमें $L$ लम्बाई तथा $2 d$ व्यास वाले उसी पदार्थ के दो तार लगे है। इसी समान मात्रा के जल के तापमान में $40 \ K$ की वृद्धि करने में कितने मिनट लगेंगे। तारों के संयोजन की विधि विकल्पों में दी गई है।
$(A)$ $4$ यदि दोनों तार समान्तर में है।
$(B)$ $2$ यदि दोनों तार श्रेणी (series) में हैं।
$(C)$ $1$ यदि दोनों तार श्रेणी में है।
$(D)$ $0.5$ यदि दोनों तार समान्तर में है।