एक $R$ प्रतिरोध वाले तार में अपरिवर्ती विभवान्तर पर बहती धारा से उत्पन्न ऊष्मा का मान समानुपातिक होता है
$\frac{1}{{{R^2}}}$
$\frac{1}{R}$
$R$
${R^2}$
एक धातु की तार के दोनों सिरों के बीच एक नियत वोल्टता लगाई जाती है। यदि तार की लम्बाई तथा त्रिज्या दोनों दो गुनी कर दी जाएँ, तो तार में उत्पन्न ऊष्मा की दर का मान
दो तारों के प्रतिरोध $R$ तथा $2R$ हैं। दोनों को पहले श्रेणीक्रम में फिर समान्तर क्रम में जोड़ा जाता है। यदि दोनों स्थितियों में आरोपित वोल्टेज समान है तो इनमें उत्पन्न ऊष्माओं का अनुपात होगा
एक विद्युत पंखा एवं हीटर पर क्रमश: $100$ वाट, $220$ वोल्ट एवं $1000$ वाट, $220$ वोल्ट अंकित है। हीटर का प्रतिरोध होगा
$40\, W$, $60\, W$ और $100\, W$ के तीन प्रकाश बल्ब श्रेणी-संयोंजन में $220\, V$ के स्रोत से जोड़े गए है। तीनों में से ............ $W$ बल्ब की दीप्ति उच्चतम होगी
आपको कई, हर प्रकार के समान तार दिये गये हैं एवं प्रत्येक का प्रतिरोध $R = 10\,\Omega $ है। प्रत्येक में अधिकतम $1\,Amp$ की धारा प्रवाहित कर सकते हैं। इन तारों का इस प्रकार जाल बनाना है कि जाल का प्रतिरोध $5\,\Omega $ रहे तथा इसमें $4\,Amp$ की धारा प्रवाहित हो सके। तो इस प्रकार के तारों की न्यूनतम संख्या होगी