डाइकोगेमी जो परापरागण में सहायक है, एक पुष्पीय यांत्रिकत्व है जिसमें
परागकोष और वर्तिकाग्र भिन्न स्तरों पर होते हैं
पुंकेसर और वर्तिकाग्र भिन्न समय पर पकते हैं
परागकोष और वर्तिकाग्र की संरचना, अवरोध का काम करती है
परागकण अपने ही वर्तिकाग्र पर अंकुरित नहीं हो पाता
शाखान्वित प्रकार की पराग नलिका निम्न में से किसमें बनती है
एन्जियोस्पर्म के टेट्राड में व्यवस्थित चारों माइक्रोस्पोर्स के ऊपर एक परत होती है। यह बनी होती है
परागकण की केवल आकार में वृद्धि कहलाती है
एन्जियोस्पर्म में सिनगैमी (निषेचन) अवधारणा की खोज की