डाईएजोनियम लवण निम्न प्रकार से विघटित होता है

${C_6}{H_5}N_2^ + C{l^ - } \to {C_6}{H_5}Cl + {N_2}$

${0\,^o}C$ ताप पर लवण की प्रारम्भिक सान्द्रता को दुगना कर देने पर ${N_2}$ का निष्कासन दुगना हो जाता है। अत: यह अभिक्रिया है

  • A

    प्रथम कोटि अभिक्रिया

  • B

    द्वितीय कोटि अभिक्रिया

  • C

    लवण के प्रारम्भिक सान्द्रता से स्वतन्त्र

  • D

    शून्य कोटि अभिक्रिया का

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निम्नलिखित अभिक्रिया पर विचार करें

$2 H _2( g )+2 NO ( g ) \rightarrow N _2( g )+2 H _2 O ( g )$

जो कि नीचे दी गयी क्रियाविधि (mechanism) का अनुसरण करती है

$2 NO ( g ) \underset{ k _{-1}}{\stackrel{ k _1}{\rightleftharpoons}} N _2 O _2( g )$

$N _2 O _2( g )+ H _2( g ) \stackrel{ k _2}{\rightleftharpoons} N _2 O ( g )+ H _2 O ( g )$

$N _2 O ( g )+ H _2( g ) \stackrel{ k _3}{\rightleftharpoons} N _2( g )+ H _2 O ( g )$

(तीव्र अभिक्रिया)

(तीव्र अभिक्रिया)

(तीव्र अभिक्रिया)

अभिक्रिया की कोटि. . . . . .है।

  • [IIT 2024]

अमोनियम नाइटे्रट के जलीय विलयन के लिये विघटन के निम्नांकित आँकडे़ प्राप्त हुए  . . .         अभिक्रिया की कोटि है

${N_2}$ का $cc $ में आयतन  $6.25$ $9.50$ $11.42$ $13.65$ $35.05$
 समय (मिनट) $10$ $15$ $20$ $25$ अन्तिम

निम्न में से कौनसा नाइट्रोजन का ऑक्साइड अत्यधिक स्थायी है

द्वितीय कोटि की अभिक्रिया के लिये दर स्थिरांक की विमा में सम्मिलित है

अभिक्रिया $A + B \longrightarrow$ उत्पाद, के लिए यह प्रेक्षित किया गया कि:-

$(1)$ मात्रा $A$ की प्रारम्भिक सान्द्रता दुगुना करने पर, अभिक्रिया दर भी दुगुनी हो जाती है तथा

$(2)$ $A$ तथा $B$ दोंनों की ही प्रारम्भिक सान्द्रता दुगुना कर देने पर, अभिक्रिया की दर में $8$ गुना परिवर्तन हो जाता है। इस अभिक्रिया की दर निम्न द्वारा दी जायेगी:

  • [AIPMT 2009]