क्या कारण है कि वर्णान्धता स्त्रियों की अपेक्षा पुरुषों में अधिक पायी जाती है
जिन पुरुषों में एक अकेला दोषयुक्त $X$ गुणसूत्र होता है, वे वर्णान्ध होते हैं
विषम युग्मजी स्त्रियाँ वर्णान्ध होती हैं
जिन पुरुषों में दोषयुक्त $Y$ गुणसूत्र होता है, वे वर्णान्ध होते हैं
$Y$ गुणसूत्र से दोषयुक्त $X$ गुणसूत्रों की बन्धुता सामान्य $X$ गुणसूत्र की अपेक्षा कहीं अधिक होती है
यदि एक सामान्य महिला वर्णान्ध पुरूष के साथ विवाह करती है तो
मनुष्य में एक लिंग सहलग्न अप्रभावी जीन $C$ लाल, हरी रंग वर्णान्धता उत्पन्न करता है। एक सामान्य महिला जिसके पिता वर्णांन्ध थे, का विवाह एक वर्णान्ध पुरूष से होता है तो इनसे उत्पन्न समस्त पुत्रियों में वर्णान्धता का प्रतिशत होगा
हीमोफिलिक पिता तथा सामान्य माता से उत्पन्न पुत्री कैसी होगी
यदि किसी व्यक्ति में एक सामान्य हीमोग्लोबिन का जीन तथा एक सिकिल सेल हीमोग्लोबिन का जीन साथ-साथ हो तो इस हिटरोजायगस स्थिति को कहेंगे
यदि एक पिता से एक लक्षण सीधे सदैव उसके सभी पुत्रो में प्रदत्त होता है और फिर उन पुत्रों से उनके पुत्रों को तो कौन-सा गुणसूत्र उस लक्षण के वंशाणु को वहन करता है