कैथोड किरणें, दृष्य प्रकाष किरणों के समान होती हैं क्योंकि
ये दोनों विद्युत एवं चुम्बकीय क्षेत्रों में विक्षेपित हो जाती हैं
इन दोनों में निश्चित परिमाण की तरंगदैध्र्य होती है
ये दोनों गैस से गुजरने पर उसे आयनित कर देती हैं
ये दोनों फोटोग्राफिक फिल्म को प्रभावित करती हैं
जब कैथोड किरणें (उच्च विभव $10\, kV$ पर) बहुत अधिक परमाणु-भार वाले ऐनोड से टकराती हैं तो प्राप्त होती हैं
धनात्मक किरणों में होते हैं
एक इलेक्ट्रॉन ($e=\,1.6 \times {10^{ - 19}}C$) को $10^5$ वोल्ट के विभव द्वारा त्वरित किया जाता है। इलेक्ट्रॉन द्वारा प्राप्त ऊर्जा होगी
जब इलेक्ट्रॉनों का वेग बढ़ता है तब उसके विशिष्ट आवेश का मान