एक इलेक्ट्रॉन ($e=\,1.6 \times {10^{ - 19}}C$) को $10^5$ वोल्ट के विभव द्वारा त्वरित किया जाता है। इलेक्ट्रॉन द्वारा प्राप्त ऊर्जा होगी
$1.6 \times {10^{ - 24}}\;J$
$1.6 \times {10^{ - 14}}\;erg$
$0.53 \times {10^{ - 17}}J$
$1.6 \times {10^{ - 14}}J$
बेनब्रिज $(Bainbridge)$ द्रव्यमान स्पेक्ट्रोग्राफ में दो प्लेटों के बीच की दूरी $1 cm$ है तथा इसके बीच $\,1000 V$ विभवान्तर का विद्युत क्षेत्र एवं $B = 1T$ का चुम्बकीय क्षेत्र आरोपित किया जाता है। तो धनात्मक (अविचलित) आयन का वेग होगा
$‘e’$ कूलॉम आवेश का एक इलेक्ट्रॉन $V$ वोल्ट विभवान्तर से त्वरित होता है तो इसकी ऊर्जा जूल में होगी
इलेक्ट्रॉन का $e/m$ ज्ञात करने की थॉमसन विधि में
कैथोड किरणें होती हैं
मिलिकन के तेल बूँद प्रयोग में, तेल बूंद पर आवेश $6.35 \times {10^{ - 19}}C$ है। तो बूंद पर कितने इलेक्ट्रॉनों की अधिकता होगी