अभिक्रिया की सम्पूर्ण कोटि से हमारा अर्थ होता है
अभिक्रिया के लिये वेग समीकरण में सान्द्रण पदों की संख्या
वेग समीकरण में सान्द्रण पदों पर लगाये गये घातांकों का योग
अभिक्रिया के लिये अभिकारकों के अणुओं की न्यूनतम संख्या
अभिक्रिया में भाग लेने वाले अभिकारकों की संख्या
सामान्यत: द्वितीय कोटि के दर स्थिरांक की इकाई है
$2{N_2}{O_5}$ $\rightleftharpoons$ $2{N_2}{O_4} + {O_2}$ अभिक्रिया है
अणु $X$ का $Y$ में रूपांतरण द्वितीय कोटि की बलगतिकी के अनुरूप होता है। यदि $X$ की सांद्रता तीन गुनी कर दी जाए तो $Y$ के निर्माण होने के वेग पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
निम्न अभिक्रियाओं के वेग व्यंजकों से इनकी अभिक्रिया कोटि तथा वेग स्थिरांकों की इकाइयाँ ज्ञात कीजिए।
$H _{2} O _{2}( aq )+3 I ^{-}( aq )+2 H ^{+} \rightarrow 2 H _{2} O ( l )+ I _{3}^{-} \quad$ वेग $=k\left[ H _{2} O _{2}\right][ I ]$
अभिक्रिया $A + B \longrightarrow$ उत्पाद, के लिए यह प्रेक्षित किया गया कि:-
$(1)$ मात्रा $A$ की प्रारम्भिक सान्द्रता दुगुना करने पर, अभिक्रिया दर भी दुगुनी हो जाती है तथा
$(2)$ $A$ तथा $B$ दोंनों की ही प्रारम्भिक सान्द्रता दुगुना कर देने पर, अभिक्रिया की दर में $8$ गुना परिवर्तन हो जाता है। इस अभिक्रिया की दर निम्न द्वारा दी जायेगी: