निर्वात् में रखे एक विद्युत तापक में लगातार विद्युत धारा प्रवाहित की जा रही है। इसका तापमान
समय के साथ बढ़ता जायेगा
कुछ समय बढ़ने के पश्चात् बढ़ना बन्द कर देगा क्योंकि यह आसपास के वातावरण को चालन द्वारा ऊष्मा दे देगा
कुछ समय तक बढे़गा और इसके पश्चात् गिरना प्रारम्भ कर देगा
कुछ समय बाद स्थिर हो जाएगा, विकिरण द्वारा ऊष्मा हृास के कारण
समान वोल्टेज रेटिंग और $40\, W$ तथा $60\, W$ शक्ति के दो बल्ब $X$ एवं $Y$ श्रेणीक्रम में $300\, V$ की सप्लाई से जोड़े जाते हैं तब
एक बल्ब $V_0$ विभव पर $P_0$ शक्ति व्यय करने के लिए बनाया गया है। यदि विभव $V$ पर यह $P_0$ शक्ति व्यय करता है, तब
$36\, \Omega$ के एक समान उष्मीय तार को $240\, V$ विभवान्तर के सिरे से जोड़ दिया जाता है। तार को आधा काट दिया जाता है तथा प्रत्येक आधे भाग पर $240\, V$ विभवान्तर लगाया जाता है। पहली दशा तथा दूसरी दशा में कुल शक्ति क्षय का अनुपात $1 : x$ होता है जहाँ $x\,=\,.....$ है।
यदि किसी प्रतिरोध में प्रवाहित विद्युत धारा में $3 \%$ की वृद्धि होती है तो उस प्रतिरोध में शक्ति क्षय (power loss)
जब एक उच्च शक्ति का हीटर विद्युत सप्लाई से जोड़ा जाता है, तो घरों में लगे विद्युत बल्ब धुंधले (dim) हो जाते हैं। इसका कारण है