एक प्रोटॉन (द्रव्यमान $ = 1.67 \times {10^{ - 27}}\,kg$ तथा आवेश $ = 1.6 \times {10^{ - 19}}\,C)$ $2$ $weber/{m^2}$ के चुम्बकीय क्षेत्र में $3.4 \times {10^7}\,m/\sec $ के वेग से लम्बवत् प्रवेश करता है। प्रोटॉन का त्वरण होगा
$6.5 \times {10^{15}}\,m/{\sec ^2}$
$6.5 \times {10^{13}}\,m/{\sec ^2}$
$6.5 \times {10^{11}}\,m/{\sec ^2}$
$6.5 \times {10^9}\,m/{\sec ^2}$
किसी चुम्बकीय क्षेत्र में गति करते हये कण का वेग बढ़ता है तो इसके वृत्तीय पथ की त्रिज्या
एक कण किसी एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में गति करता है तो
हॉल प्रभाव की स्थिति में, $Q$ आवेश एवं $A$ अनुप्रस्थ काट वाली पट्टिका पर कार्यरत लॉरेन्ज बल है
एक इलेक्ट्रॉन $+ x$ दिशा में $6 \times 10^{6} \,ms ^{-1}$ की चाल से चल रहा है। यह $+ y$ दिशा में लगने वाले $300\, V / cm$ के एक समान वैधुत क्षेत्र में प्रवेश करता है। यदि इलेक्ट्रॉन $x$ दिशा में ही चलता रहता है तो इस स्थान पर उपस्थित चुम्बकीय क्षेत्र का परिमाण और दिशा होंगे।
एक प्रोटॉन, एक ड्यूट्रॉन एवं एक $\alpha - $ कण एकसमान गतिज ऊर्जा से एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में वृत्तीय पथों पर गति कर रहे हैं। यदि ${r_p},\,{r_d}$ तथा ${r_\alpha }$ इनके पथों की त्रिज्यायें हैं तो