द्रव्यमान m का एक कण वेग $v$ से क्षैतिज से $45^o$ के कोण पर प्रक्षेपित किया जाता है। जब कण अधिकतम ऊँचाई पर हो, तब प्रक्षेपण बिन्दु के परित: कण के कोणीय संवेग का परिमाण होगा (जहाँ $g =$ गुरुत्वीय त्वरण)
शून्य
$m{v^3}/(4\sqrt 2 g)$
$m{v^3}/(\sqrt 2 g)$
$m{v^2}/2g$
एक गोली बन्दूक से $500 $ मी/सैकण्ड के वेग से $15^°$ प्रक्षेपण कोण पर छोड़ी जाती है। यदि $g = 10$ मी/सैकण्ड$^2$ हो तो क्षैतिज परास है
एक गेंद को $30^\circ $उन्नयन कोण पर ${V_o}$ वेग से प्रक्षेपित किया जाता है। निम्न में से सत्य कथन छांटिये
एक प्रक्षेप्य $u$ वेग से, क्षैतिज के साथ $\theta $ कोण बनाते हुये प्रक्षेपित किया जाता है तथा इसकी परास $R$ है। यदि प्रारम्भिक वेग को दोगुना कर दिया जावे तथा प्रक्षेपण कोण $\theta $ ही रहे, तो अब परास होगी
एक पिण्ड हवा में $\theta$ कोण पर प्रारम्भिक वेग $u$ से प्रक्षेपित किया जाता है। प्रक्षेपण गति इस प्रकार है कि तय की गई अधिकतम क्षैतिज दूरी $R$ है। किसी दूसरे पिण्ड को हवा में पहले से आधी क्षैतिज दूरी के लिए प्रक्षेपित किया जाता है। दोनों ही परिस्थितियों में प्रारम्भिक वेग समान है। दूसरे पिण्ड का प्रक्षेपण कोण मान, जिस पर वह प्रक्षेपित किया गया, डिग्री $..........$ होगा।
$x - y$ तल ( $x$ क्षैतिज है एवं $y$ ऊपर की ओर उर्ध्व है) में मूल बिंदु से एक प्रक्षेप को $x$-अक्ष से $\alpha$ कोण बनाते हुए प्रक्षेपित किया जाता है। यदि मूल बिंदु से प्रक्षेपक की दूरी, $r=\sqrt{x^2+y^2}$, को $x$ के सापेक्ष अवलेखन किया जाए, तो $\alpha_1$ एवं $\alpha_2$ प्रक्षेपण कोणों के लिए $r ( x )$ दो अलग-अलग वक्र देता है (सलग्न चित्र देखिए) $\mid \alpha_1$ कोण के लिए $r ( x ), x$ के साथ क्रमशः बढ़ता रहता है। जबकि $\alpha_2$ कोण के लिए $r ( x )$ पहले बढ़ते हुए उच्चतम बिंदु पर पहुँचता है, फिर कम होने लगता है और एक न्यूनतम बिंदु पर पहुँचने के उपरान्त फिर से बढ़ने लगता है। इन दोनों व्यवहारों के बीच संक्रमण (switch) एक खास कोण $\alpha_{ c }\left(\alpha_1 < \alpha_{ c } < \alpha_2\right)$ पर होता है $\mid \alpha_{ c }$ का मान क्या है ? [वायु कर्षण को नगण्य मान लीजिए $\mid y(x)=x \tan \alpha-\frac{1}{2} \frac{\sec ^2 a}{v_0^2} x^2$, जहाँ $v_0$ प्रक्षेप की प्रारंभिक चाल है तथा $g$ गुरुत्वीय त्वरण है