एक समान्तर पट्ट संधारित्र जिसकी प्लेट का क्षेत्रफल $A$ तथा प्लेटो के बीच दूरी $d =2\,m$ है, की धारिता $4\,\mu\,F$ है। यदि उनके मध्य आधे स्थान को चित्रानुसार $K =3$ परावैधुतांक वाले परावैधुत पदार्थ से भर दिया जाये तो निकाय की नई धारिता $..........\mu\,F$ होगी।
$2$
$32$
$6$
$8$
एक समांतर पट्न संधारित्र परावैद्युतांक $10$ वाले माध्यम द्वारा भरा जाता है, इसको एक बैटरी से जोड़कर आवेशित किया जाता है। परावैद्युत पट्टिका को परावैद्युतांक $15$ वाले दूसरे पदार्थ द्वारा प्रतिस्थापित कर दिया जाता है तो संधारित्र की ऊर्जा
एक समान्तर प्लेट संधारित्र के बीच की दूरी $8$ मिमी तथा विभवान्तर $120$ वोल्ट है। यदि प्लेटों के बीच $6$ मिमी मोटाई की परावैद्युत प्लेट रख दी जावे जिसके पदार्थ का परावैद्युतांक $6$ हो, तो
$A$ संधारित्र की धारिता $15$ परावैद्युतांक वाले माध्यम की उपस्थिति में $15\,\mu F$ है एक अन्य संधारित्र $B$ जिसकी प्लेटों के बीच वायु है, की धारिता $1\,\mu F$ है। दोनों को अलग-अलग $100\;V$ की बैटरी से आवेशित किया जाता है। आवेशन के बाद दोनों को बिना बैटरी व परावैद्युत माध्यम निकालकर समान्तर क्रम में जोड़ा जाता है। अब उभयनिष्ठ विभव .......$V$ होगा
एक गोलीय वायु संधारित्र का बाहरी गोला भू-संपर्कित है। उसकी विद्युत धारिता बढ़ाने के लिये
$2C$ व $C$ धारिता वाले दो संधारित्रों को समांतर क्रम में जोड़कर $V$ भव तक आवेशित किया जाता है। बैटरी को हटाकर $C$ धारिता वाले संधारित्र में परावैद्युतांक स्थिरांक $K$ वाला माध्यमपूर्ण रूप से भर दिया जाता है। प्लेटों के बीच अब विभवान्तर होगा