एक मुक्त न्यूट्रॉन, एक प्रोटॉन, एक इलेक्ट्रॉन

  • A

    एक न्यूट्रिनों में विघटित होता है

  • B

    एक प्रतिन्यूट्रिनों में विघटित होता है

  • C

    एक $\alpha $ कण में विघटित होता है

  • D

    एक $\beta$-कण में विघटित होता है

Similar Questions

${ }_{92} U^{235}$ नाभिक एक न्यूट्रॉन अवशोषित करके ${ }_{54} Xe ^{139}{ }_{3 a} Sr ^{94}$ तथा $X$ में विघटित होता है। उत्पाद $X$ क्या है?

एक परमाणु की द्रव्यमान संख्या $15$ है एवं परमाणु क्रमांक $7$ है। ये परमाणु एक $\alpha  - $ कण ग्रहण करके एक प्रोटॉन उत्सर्जित करता है, परिणामी उत्पाद की द्रव्यमान संख्या एवं परमाणु क्रमांक क्रमश: होंगे

  • [AIIMS 2016]

इस नाभिकीय क्षय में:

$_z{X^A}{ \to _{z + 1}}{Y^A}{ \to _{z - 1}}{K^{A - 4}}{ \to _{z - 1}}{K^{A - 4}}$

उत्सर्जित कणों का क्रम होगा

  • [AIPMT 2009]

$Z =92$ वाला एक नाभिक क्रमश: $:\,\alpha ,\,\alpha ,\,{\beta ^ - },{\beta ^ - },\alpha ,\,\alpha ,\alpha ,\,\alpha ,{\beta ^ - },{\beta ^ - },\alpha ,{\beta ^ - },{\beta ^ - },\alpha $ कण उत्सर्जित करता है। परिणामी नाभिक के लिए $Z$ होगा

$1900$ के आसपास हुई खोज के अनुसार $\beta$-क्षय प्रक्रम वास्तव में न्यूटॉन $( n )$ का क्षय होता है। प्रयोगशाला में पाया गया है कि न्यूटॉन के क्षय होने पर प्रोटॉन $( p )$ तथा एक इलेक्ट्रॉन $(\overline{ e })$ जनित होते है। इसलिये, न्यूटॉन क्षय को द्वि-पिंडी क्षय-प्रक्रम मानकर, सैद्धांतिक गणना से यह सिद्ध किया गया कि इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा का मान स्थिर रहना चाहिए। लेकिन प्रयोगों ने दिखाया कि इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा के मान का संतत स्पेक्ट्रम होता है। त्रि-पिंडी क्षय प्रक्रम मानकर, अर्थात $n \rightarrow p+\overline{ e }+\bar{v}_{ e }, 1930$ के आसपास Pauli ने इलेक्ट्रॉन का देखा गया ऊर्जा स्पेक्ट्रम समझाया। प्रति-न्यूट्रिनों ( $\left.\bar{v}_e\right)$ को द्रव्यमान रहित व नगण्य ऊर्जा का मान कर और न्यूट्रॉन को स्थिर मान कर , संवेग व ऊर्जा संरक्षण के नियम गणना में लगायें गये जिससे इलेक्टॉन की अधिकतम गतिज ऊर्जा को $0.8 \times 10^6 eV$ आंका गया। प्रोटॉन की गतिज ऊर्जा केवल प्रतिक्षेप ऊर्जा है। प्रति न्यूट्रीनों की अधिकतम ऊर्जा है।

$1.$ प्रति न्यूट्रीनों की अधिकतम ऊर्जा है।

$(A)$ शून्य

$(B)$ $0.8 \times 10^6 eV$ से बहुत कम

$(C)$ लगभग $0.8 \times 10^6 eV$

$(D)$ $0.8 \times 10^6 eV$ से बहुत अधिक

$2.$ यदि प्रति न्यूट्रिनों का द्रव्यमान शून्य न होकर, $3 eV / c ^2$ हो, (जहाँ $c$, प्रकाश की गति है)तब इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा, $K$, का परास होगा

$(A)$ $0 \leq K \leq 0.8 \times 10^6 \ eV$

$(B)$ $3.0 eV \leq K \leq 0.8 \times 10^6 \ eV$

$(C)$ $3.0 eV \leq K < 0.8 \times 10^6 \ eV$

$(D)$ $0 \leq K < 0.8 \times 10^6 \ eV$

इस प्रश्न के उतर दीजिये $1$ ओर $2.$

  • [IIT 2012]