एक धनावेशित चालक
सदैव धन विभव पर रहता है
सदैव शून्य विभव पर रहता है
सदैव ऋण विभव पर रहता है
धन विभव, शून्य विभव अथवा ऋण विभव पर हो सकता हैधनावेशित चालक धन, शून्य या ऋण विभव पर हो सकता है जो कि इस बात पर निर्भर करता है कि शून्य विभव को किस प्रकार परिभाषित किया गया है।
$Q$ आवेश से आवेशित, $R$ त्रिज्या के गोलीय चालक के अन्दर केन्द्र से $x$-दूरी पर विभव होगा
किसी चालक गोले के अन्दर विद्युत विभव
$9 \times 10^{-13} \mathrm{~cm}$ त्रिज्या के एक परमाणु नाभिक $(\mathrm{z}=50)$ के पृष्ठ पर वैद्युत विभव . . . . . . . . $\times 10^6 \hat{V}$ है।
$1000$ पानी की छोटी बूँदें जिनमें प्रत्येक की त्रिज्या $r$ एवं आवेश $q$ है, एक साथ मिलकर एक गोलाकार बूँद बनाती हैं। बड़ी बूँद का विभव छोटी बूँद के विभव का है
मरकरी की $512$ सर्वसम बूंदों में से प्रत्येक को $2\, V$ के विभव तक आवेशित किया गया है। इन सभी बूंदों को मिलाकर एक बड़ी बूंद बनायी गयी है। इस बड़ी बूंद का विभव $.......\,V$ है।