एक आवेशित कण को स्थिर व समरूप विद्युत क्षेत्र एवं चुम्बकीय क्षेत्र में विराम अवस्था से स्वतंत्र किया जाता है। दोनों क्षेत्र एक दूसरे के समान्तर है। कण की गति का मार्ग है
सरल रेखा
वृत्त
कुण्डलिनीवत् (Helix)
साइक्लॉइड
ऊष्मित कैथोड से उत्सर्जित और $2.0\, kV$ के विभवांतर पर त्वरित एक इलेक्ट्रॉन, $0.15 \,T$ के एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। इलेक्ट्रॉन का गमन पथ ज्ञात कीजिए यदि चुंबकीय क्षेत्र $(a)$ प्रारंभिक वेग के लंबवत है $(b)$ प्रारंभिक वेग की दिशा से $30^{\circ}$ का कोण बनाता है।
निम्न चित्र में, $y >0$ के लिए तल के अंदर की ओर एक समान चुम्बकीय क्षेत्र लगा हुआ है। $y < 0$ के लिए चुम्बकीय क्षेत्र एक समान है तथा तल के बाहर की तरफ इंगित करता है। एक प्रोटॉन जो कि भरे हुए वृत्त के द्वारा दिखाया गया है, $y =0$ से $- y$ दिशा में कुछ गति से चलता है। प्रोटॉन का सर्वाधिक सही प्रक्षेप पथ निम्न में से किस आरेख में दर्शाया गया है?
एक इलेक्ट्रॉन (जिसका द्रव्यमान $9 \times {10^{ - 31}}\,kg$ एवं आवेश $1.6 \times {10^{ - 19}}C$) ${10^6}\,m/s$ के वेग से चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। यदि यह $0.10\, m$ त्रिज्या का वृत्त बनाता है, तो चुम्बकीय क्षेत्र का मान होगा
धारायुक्त एक लम्बी परिनालिका इस प्रकार रखते हैं इसका अक्ष ऊध्र्व दिशा में है। $v$ वेग से एक प्रोटॉन परिनालिका की अक्ष पर नीचे गिर रहा है। प्रोटॉन परिनालिका मे प्रवेश करने के पश्चात्
एक आयनित गैस में धनायन व ऋणायन दोनों उपस्थित हैं। यदि इस पर एकसाथ विद्युत क्षेत्र $+ x$ दिशा में व चुम्बकीय क्षेत्र $+ z$ दिशा में आरोपित किये जाये तब