$m$ द्रव्यमान का कोई पिण्ड $u$ वेग से समान द्रव्यमान $m$ वाले एक अन्य स्थिर पिण्ड से एक विमीय प्रत्यास्थ संघÍ करता है। दोनों पिण्ड अत्यल्प समय $T$ तक संपर्क में रहते हैं। उनके बीच का अंर्तक्रियात्मक बल $T/2$ समय में शून्य से $F_0$ तक रैखिक रूप से बढ़ता है तथा अगले $T/2$ समय में रैखिकत: घटकर शून्य हो जाता है। $F_0$ का परिमाण है
एक पत्थर को $h$ ऊँचाई से गिराया जाता है। यह एक निश्चित संवेग $P$ से भू-तल से टकराता है, यदि इसी पत्थर को, इस ऊँचाई से $100 \%$ अधिक ऊँचाई से गिराया जाये तो भू-तल से टकराते समय इसके संवेग में परिवर्तन होगा
एक छात्र स्वयं को, अपने बाल ऊपर की ओर खींचकर, ऊपर की ओर उठाने का प्रयास करता है। वह सफल नहीं होता क्योंकि
चित्र $0.4\, kg$ द्रव्यमान के एक पिण्ड की एक-विमीय गति का स्थिति-समय $(x-t)$ ग्राफ दर्शाता है। प्रत्येक आवेग का परिमाण .............. $N-s$ है।
किसी पिण्ड पर $250 $ न्यूटन का बल आरोपित करने पर उसे $125$ किग्रा $ \times $ मी/सैकण्ड संवेग प्राप्त होता है। पिण्ड पर ........ सैकण्ड तक बल कार्य करता है