धारिता $10\,\mu F$ के $100$ संधारित्र को समान्तर क्रम में जोड़ कर $100\,kV$ विभवान्तर से आवेशित किया जाता है। अगर विद्युत ऊर्जा का मूल्य $108$ पैसे प्रति $kWh$ है तो संधारित्रों में संचित ऊर्जा का मान और आवेशित करने में कुल खर्च हुए पैसे होंगे
${10^7}\;joule$ और $300\;paise$
$5 \times {10^6}\,joule$ और $300\;paise$
$5 \times {10^6}\,joule$ और $150\;paise$
${10^7}\,joule$ और $150\;paise$
${C_1}$ धारिता वाले एक संधारित्र को ${V_0}$ वोल्ट पर आवेशित किया गया है। इसमें संग्रहित स्थिर विद्युत ऊर्जा का मान ${U_0}$ है। इसे धारिता ${C_2}$ वाले दूसरे अनावेशित संधारित्र के साथ समान्तर क्रम में जोड़ दिया गया है। इस प्रक्रम में ऊर्जा क्षय होगा
किसी पूर्णत: आवेशित संधारित्र की धारिता $‘C’$ है। इस संधारित्र का विसर्जन प्रतिरोधी तार की बनी किसी ऐसी छोटी कुण्डली से होकर किया जाता है, जो द्रव्यमान $‘m’$ तथा विशिष्ट ऊष्माधारिता $'s'$ के किसी ऊष्मारोधी गुटके में अंत: स्थापित है। यदि गुटके के ताप में वृद्धि ‘$\Delta T$’ है, तो संधारित्र के सिरों के बीच विभवान्तर है
किसी आवेशित संधारित्र की स्थितिज ऊर्जा निम्न में से किस सूत्र से प्राप्त होती है
($q$ = चालक पर आवेश, $C$ = इसकी धारिता)
एक संधारित्र की धारिता $2\,\mu \,F$ है एवं इसे $50\, V$ तक आवेशित किया गया है। इसमें संचित ऊर्जा है
एक $2\,\mu F$ माइक्रो फैरड का संधारित्र $100$ वोल्ट तक आवेशित किया जाता है, फिर उसकी पट्टियों को एक चालक तार से आपस में जोड़ दिया जाता है। उत्पन्न हुई ऊष्मा .......जूल होगी