किसी स्प्रिंग का बल नियतांक $K$ है। उसके प्रसार में ${l_1}$ से ${l_2}$ तक की वृद्धि करने में किया गया कार्य होगा
$K({l_2} - {l_1})$
$\frac{K}{2}({l_2} + {l_1})$
$K(l_2^2 - l_1^2)$
$\frac{K}{2}(l_2^2 - l_1^2)$
$\mathrm{Y}=7.0 \times 10^{10} \mathrm{~N} / \mathrm{m}^2$ यंग प्रत्यास्थता गुणांक के साथ एक एल्युमिनियम की छड़ $0.04 \%$ प्रत्यास्थ विकृति के अन्तर्गत जाती है। प्रति एकांक आयतन में संचित ऊर्जा $\left(\mathrm{J} / \mathrm{m}^3\right.$ में) है:
एक तार एक सिरे से ऊध्र्वाधर लटकाया जाता है तथा इसके दूसरे सिरे पर $20\,N$ का भार लटकाया जाता है। यदि भार तार को $1.0mm$ खींचता है, तो तार में ऊर्जा वृद्धि होती ........ $joule $ है
एक प्रत्यास्थ तार के लिये प्रति एकांक आयतन में सम्पन्न कार्य है
यंग गुणांक $Y$ वाले एक तार में संचित प्रत्यास्थ ऊर्जा है
जब किसी पिण्ड में प्रत्यास्थता की सीमा के भीतर विकृति उत्पन्न होती है, तो उसकी आन्तरिक ऊर्जा