एक पत्ती में कटाव जब मध्यशिरा की ओर आधी दूरी से ज्यादा पहुँच जाता है, तो यह कहलाता है
दीर्घतम पिच्छाकार (पित्रेटीसेक्ट)
दीर्घतर पिच्छाकार (पित्रेटीपारटाइट)
दीर्घ पिच्छाकार (पित्रेटीफाइड)
दीर्घतर हस्ताकार (पामेटीपारटाइट)
अपस्थानिक जड़तंत्र, मूसला जड़तंत्र की अपेक्षा अधिक अनुकूलित होता है
किस कुल में गायनोस्टीजियम (परागकोषों का वर्तिकाग्र के साथ संलयन) तथा पोलीनिया उपस्थित होते हैं
आरोही जड़ें किसमें पायी जाती हैं
मूलटोप किसमें नहीं पाया जाता है
बीज प्रकीर्णन होता है