निषेचन के समय शुक्राणु प्रवेश का स्थान बनाता है
भू्रण के घूमने का केन्द्र
विदलन का अक्ष
धूसर क्रेसेन्ट
कोरकरन्ध्र का पृष्ठहोठ (ऊध्र्व ओष्ठ)
सिनगेमी वह प्रक्रिया है जिसमें
इन्डिटरमीनेट विदलन में ब्लास्टोमीयर का भविष्य किस अवस्था में निर्धारित होता है
मनुष्य के अनिषेचित अण्डाणु में होता है अथवा ओवरी से पृथक् होते समय मनुष्य के अण्डों में होता है
अण्डे के इम्पलाण्टेशन का अनुसरण होता है
मनुष्य में फ्रेटरनल जुड़वाँ बनते हैं