अभिक्रिया की दर के विरुद्ध निर्देशित असत्य कोटि है $A + B\xrightarrow{K}C$
दर कोटि
$\frac{{d[C]}}{{dt}} = K[A]$ $→1$
$\frac{{d[C]}}{{dt}} = K[A]\,[B]$ $→ 2$
$\frac{{ - d\,[A]}}{{dt}} = K\,[A]\,{[B]^0}$ $→\ 2$
$\frac{{ - d\,[A]}}{{dt}}\,K\,[A]$ $→\ 1$
निम्नलिखित अभिक्रिया पर विचार करें
$2 H _2( g )+2 NO ( g ) \rightarrow N _2( g )+2 H _2 O ( g )$
जो कि नीचे दी गयी क्रियाविधि (mechanism) का अनुसरण करती है
$2 NO ( g ) \underset{ k _{-1}}{\stackrel{ k _1}{\rightleftharpoons}} N _2 O _2( g )$
$N _2 O _2( g )+ H _2( g ) \stackrel{ k _2}{\rightleftharpoons} N _2 O ( g )+ H _2 O ( g )$
$N _2 O ( g )+ H _2( g ) \stackrel{ k _3}{\rightleftharpoons} N _2( g )+ H _2 O ( g )$
(तीव्र अभिक्रिया)
(तीव्र अभिक्रिया)
(तीव्र अभिक्रिया)
अभिक्रिया की कोटि. . . . . .है।
अभिक्रिया $A + 2B \to $उत्पाद, के लिये दर नियम $\frac{{d[dB]}}{{dt}} = k[{B^2}]$ से दिया जाता है। यदि $A$ अधिकता में लिया जाये तो अभिक्रिया की कोटि होगी
प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिये विशिष्ट दर स्थिरांक निर्भर करता है
अभिक्रिया $A + B \longrightarrow$ उत्पाद, के लिए यह प्रेक्षित किया गया कि:-
$(1)$ मात्रा $A$ की प्रारम्भिक सान्द्रता दुगुना करने पर, अभिक्रिया दर भी दुगुनी हो जाती है तथा
$(2)$ $A$ तथा $B$ दोंनों की ही प्रारम्भिक सान्द्रता दुगुना कर देने पर, अभिक्रिया की दर में $8$ गुना परिवर्तन हो जाता है। इस अभिक्रिया की दर निम्न द्वारा दी जायेगी:
किसी अभिक्रियक के लिए एक अभिक्रिया द्वितीय कोटि की है। अभिक्रिया का वेग कैसे प्रभावित होगा; यदि अभिक्रियक की सांद्रता-
$(i)$ दुगुनी कर दी जाए $(ii)$ आधी कर दी जाए