वियोजन स्थिरांक ${K_a}$ एवं सान्द्रण $c$ के दुर्बल अम्ल में $ [H+] $ बराबर होता है
$\sqrt {{K_a}c} $
$c/{K_a}$
${K_a}c$
$\sqrt {{K_a}/c} $
निम्नलिखित अभिक्रियाओं $(a)$,$(b)$ और $(c)$ के लिए आयनन स्थिरांक क्रमशः $K _{ a _1}, K _{ a _2}$ एवं $K _{ a _3}$ हैं:-
$(a)$ $H _2 C _2 O _4 \rightleftharpoons H ^{+}+ HC _2 O _4^{-}$
$(b)$ $HC _2 O _4^{-} \rightleftharpoons H ^{+}+ HC _2 O _4^{2-}$
$(c)$ $H _2 C _2 O _4 \rightleftharpoons 2 H ^{+}+ C _2 O _4^{2-}$
$K _{ a _1}, K _{ a _2}$ एवं $K _{ a _3}$ में सम्बन्ध है :-
$0.2\, M\, NH _{4} Cl$ तथा $0.1\, M\, NH _{3}$ के मिश्रण से बने विलयन के $pH$ की गणना कीजिए। $NH _{3}$ विलयन की $pK _{ b }=4.75$ है।
$N{a_2}C{O_3}$ के विलयन की $pH$है
एक दुर्बल अम्ल $HA,$ के लिए ओस्टवॉल्ड तनुता नियम को व्यक्त करने वाला समीकरण है
यदि $0.05 \,M$ ऐसीटिक अम्ल के $pK _{ a }$ का मान $4.74$ है, तो आयनन की मात्रा ज्ञात कीजिए। यदि इसे (अ) $0.01\, M$ (ब) $0.1\, M\, HCl$ विलयन में डाला जाए, तो वियोजन की मात्रा किस प्रकार प्रभावित होती है ?