सूर्यमुखी के मुण्डक में पुष्पक (छोटे अवृन्त पुष्प) व्यवस्थित होते हैं
अभिकेन्द्री
उपकेन्द्रीय
अग्रभिसारी
तलभिसारी
किन पौधों में जड़ें आरोहण तथा चिपकने में सहायता करती हैं
मूल पोकेट्स संतुलक की तरह कार्य करती है जो कि पायी जाती हैं
एंड्रोशियम जिसमें असमान पुंकेसर पाये जाते हैं कहलाता है
वल्लरी $(Twiner)$ का शिर्ष $(Tip)$ संवेदनशील तथा स्वंय को सहारा देने के लिए सर्पिलाकार हो जाता है इस कुण्डल को कहते हैं
सर्पिल पर्णविन्यास, जिसमें दो चक्रों के बाद पहली एक पत्ती के ऊपर $ 6$ पत्ती पायी जाती हैं, होती है