शुद्ध लंबे पौधे का क्रॉस शुद्ध बौने पौधे से कराने पर $F_1$ पीढ़ी में सभी पौधे लंबे होंगे। इन $F_1$ पीढ़ी के लंबे पौधों में स्वपरागण कराने पर लंबे बौने पौधों का अनुपात $3 : 1$ प्राप्त होता है यह कहलाता है
प्रभाविता
वंषानुगति
सहप्रभाविता
आनुवांषिकता
किसी जीव की जीनी संरचना कहलाती है
गेहूँ में एक हरे पौधे स्वनिषेचित कराने पर संतति में $209$ हरे तथा $14$ सफेद नवजात पौधे थे, इस परिणाम से पता चलता है कि
मेण्डल ने शुद्ध सफेद पुष्प वाले अप्रभावी मटर के पौधे का प्रभावी शुद्ध लाल पौधे के बीच संकरण कराया, संकरों की पहली पीढ़ी में होना चाहिये
एक एलील को प्रभावी कहा जाता है, यदि
मेण्डल के प्रयोग में बीजावरण की प्रकृति पुष्प रंग एवं स्थिति, फली का रंग तथा तने की ऊँचाई आदि कहलाते हैं