पॉलीआर्क अवस्था पायी जाती है
एकबीजपत्री तने में
एकबीजपत्री जड़ में
द्विबीजपत्री जड़ में
द्विबीजपत्री तने में
एन्जियोस्पर्म के ट्रेकीड्स किसकी उपस्थिति के कारण पहचाने जाते हैं
स्कलेरेनकाइमा की भित्ति होती है
कम्पेनियन कोशिकाएं साधारणतया मिली हुई दिखाई देती हैं
द्वितीयक भित्ति का इण्टरफाइब्रिलर पदार्थ मुख्यत: बना होता है