यदि ऊष्मा क्षय को नगण्य माने, तब $100^o C$ ताप वाले जल में $100^o C$ ताप वाली $x$ ग्राम भाप के संघनित होने पर मुक्त ऊष्मा द्वारा $0^o C$ ताप वाली $y$ ग्राम बर्फ को $100^o C$ ताप वाले जल में रूपान्तरित किया जाता है। तब अनुपात $y : x$ है लगभग
$1:1$
$2.5 : 1$
$2:1$
$3:1$
किसी वस्तु के ताप को $1 ^o C$ से बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊष्मा कहलाती है
कैल्विन पैमाने पर किसी वस्तु का ताप $X\,K$ है, यदि इसे फैरेनहाइट पैमाने पर नापा जाए तो यह ${X^o}F$ प्राप्त होता है, $X$ का मान होगा
एक काँच पात्र में मरकरी का आभासी प्रसार गुणांक $153 \times 10{^{-6}}{°C^{-1}}$ एवं स्टील पात्र में मरकरी का आभासी प्रसार गुणांक $144 \times 10{^{-6}}{°C^{-1}}$ है। यदि स्टील के लिए a का मान $12 × 10 {^{-6}}{°C^{-1}}$ हो, तब ग्लास के लिए $\alpha$ का मान होगा
$0.1 kg$ की एक स्टील गेंद $10 m$ की ऊँचाई से स्वतंत्रतापूर्वक पृथ्वी तल पर गिरती है एवं तल से $5.4m$ ऊँचाई, तक उछलती है। यदि इस प्रक्रिया में व्यय ऊर्जा गेंद द्वारा अवशोषित कर ली जाती है तब इसके ताप मे वृद्धि ........... $^\circ \mathrm{C}$ होगी(स्टील की विशिष्ट ऊष्मा $ = 460\,Joule - k{g^{ - 1}}^\circ {C^{ - 1}},\;g = 10\,m{s^{ - 2}}$)
प्रतिरोध तापमापी मे स्टेम संशोधन (Stem-correction) का निवारण किसके द्वारा किया जाता है