दुर्बल अम्ल व प्रबल क्षार की उदासीनीकरण ऊष्मा, प्रबल अम्ल व प्रबल क्षार की उदासीनीकरण ऊष्मा से कम होती है क्योंकि
दुर्बल अम्ल के पूर्ण वियोजन में ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है
दुर्बल अम्ल व प्रबल क्षार के लवण स्थाई नहीं हैं
दुर्बल अम्ल का अपूर्ण वियोजन होता है
दुर्बल अम्ल का अपूर्ण उदासीनीकरण होता है
$0.1\,\,M$ विलयन में मोनोप्रोटिक अम्ल $0.001\%$ आयनित होता है । इसका आयनन नियतांक है
$25\,^o C$ पर क्षार $BOH $ का वियोजन स्थिरांक $1.0 \times {10^{ - 12}}$ है क्षार के $0.01 \,M $ जलीय विलयन में हाइड्रॉक्सिल आयनों की सान्द्रता होगी
किस ऑक्सीक्लोराइड का $pH$ अधिकतम है
किसी दुर्बल वैद्युत अपघट्य $\left(\mathrm{K}_{\mathrm{eq}}=\right.$ साम्यावस्था स्थिरांक) $\mathrm{A}_2 \mathrm{~B}_3$ जिसकी सान्द्रता ' $\mathrm{c}$ ' है, के सान्द्र विलयन के लिये आयनन की मात्रा " $\alpha$ ' है।
$0.1\,M$ एकल क्षारीय अम्ल का $pH\, 4.50$ है। साम्यावस्था पर $H ^{+}$, $A ^{-}$ तथा $HA$ की सांद्रता की गणना कीजिए। साथ ही एकल क्षारीय अम्ल के $K _{ a }$ तथा $pK _{ a }$ के मान की भी गणना कीजिए।