काउपर ग्रन्थि विद्यमान होती है
तिलचट्टा में
खरगोश में
केंचुआ में
मेंढ़क में
स्पर्मेटिक कोर्ड के संकुचन से वृषण, वृषण कोष से उदरगुहा में नहीं आते हैं ऐसा निम्न में से कौनसी संरचना के कारण होता है
वह अण्ड जिसमें परिधिय परत मे सायटोप्लाज्म के मध्य में योक पाया जाता है, कहलाता है
जब एक से अधिक शुक्राणु अण्डाणु से सम्पर्क करते हैं तथा उसमें प्रवेश करते हैं तब स्थिति को कहा जाता है
भ्रूणीय परिवर्धन के दौरान ध्रुवता का स्थायित्व अग्र / पश्च, पृष्ठ / अधर या मध्य / पाश्र्व अक्षीय उत्पन्न होती है, इसे कहा जाता है
कशेरुकों में अण्डे का योक निर्मित होता है