निम्नलिखित रेडियोएक्टिव क्षय प्रक्रम पर विचार कीजिये
$\mathrm{A}_6$ का परमाणु भार तथा परमाणु क्रमाक हैं:
$210$ तथा $82$
$210$ तथा $84$
$210$ तथा $80$
$211$ तथा $80$
समस्थानिक (isotope) ${ }_5^{12} B$ जिसका द्रव्यमान $12.014 u$ है, बीटा क्षय ( $\beta$-decay) की प्रक्रिया से ${ }_4^{12} C$ में परिवर्तित हो जाता है। ${ }_6^{12} C$ की एक नाभिकीय उत्तेजित अवस्था $\left({ }_6^{12} C ^*\right)$ निम्नतम अवस्था से $4.041 MeV$ ऊपर होती है। अगर ${ }_5^{12} B$ क्षय होकर ${ }_6^{12} C ^*$ में परिवर्तित होता है तो बीटा कण की अधिकतम गतिक ऊर्जा $( MeV$ की मात्रा में) क्या होगी? $\left(1 u =931.5 MeV / c^2\right.$, यहाँ $c$ निर्वात में प्रकाश की गति है)
रेडियोधर्मी नाभिक $_7{N^{13}}$ का नाभिक $_6{C^{13}}$ में क्षय होने पर उत्सर्जित होता है
अभिक्रिया $_1{H^1}{ + _1}{H^1}{ + _1}{H^2} \to X + {\;_{ + 1}}{e^0} + $ ऊर्जा, में उत्सर्जित कण है
$\alpha $- कण के अवयव हैं
एक कृत्रिम रेडियोएक्टिव क्षय श्रेणी अस्थायी $_{94}^{241}Pu$ के साथ शुरू होती है। आठ $\alpha - $ क्षय और पाँच $\beta - $ क्षय के पश्चात् कौनसा स्थायी नाभिक प्राप्त होता है