जलीय विलयन में द्विसंयोजी आयन के चुंबकीय आघूर्ण की गणना कीजिए; यदि इसका परमाणु क्रमांक $25$ है।

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With atomic number $25$ , the divalent ion in aqueous solution will have $d^{5}$ configuration (five unpaired electrons). The magnetic moment, $\mu$ is

$\mu=\sqrt{5(5+2)}=5.92 \,BM$

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जब फैरस अमोनियम सल्फेट का अम्लीय घोल पोटेशियम परमैंग्नेट विलयन के साथ क्रिया करता है तो आयन जो ऑक्सीडाइज (ऑक्सीकृत) हो जाता है, वह है

युग्मों $Cr ^{3+} / Cr ^{2+}, \quad Mn ^{3+} / Mn ^2, \quad Fe ^{3+/ Fe ^{2+}}$ एवं $Co ^{3+} / Co ^{2+}$ में से वह युग्म जिसका मानक इलेक्ट्रॉड विभव ऋणात्मक है, उसके $M ^{3+}$ आयन (गैसीय अवस्था में) का केवल स्पिन चुम्बकीय आघूर्ण $........B.M.$ है।[निकटतम पूर्णाक]

  • [JEE MAIN 2022]

प्रथम श्रेणी के संक्रमण तत्वों के अभिलक्षणों की द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के वर्गों के संगत तत्वों से क्षैतिज वर्गों में तुलना कीजिए। निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष महत्व दीजिए-

$(i)$ इलेक्ट्राॅनिक विन्यास ;

$(ii)$ ओक्सीकरण अवस्थाएं ;

$(iii)$ आयनन एन्थैल्पी तथा

$(iv)$ परमाण्वीय आकार

$Mn ^{3+} / Mn ^{+2}$ युग्म के लिए $E ^{\Theta}$ का मान $Cr ^{3+} / Cr ^{2+}$ अथवा $Fe ^{3+} / Fe ^{2+}$ के मानों से बहुत अधिक धनात्मक क्यों होता है? समझाइए

संक्रमण धातुयें अनुचुम्बकत्व प्रदर्शित करती है