जब फैरस अमोनियम सल्फेट का अम्लीय घोल पोटेशियम परमैंग्नेट विलयन के साथ क्रिया करता है तो आयन जो ऑक्सीडाइज (ऑक्सीकृत) हो जाता है, वह है
युग्मों $Cr ^{3+} / Cr ^{2+}, \quad Mn ^{3+} / Mn ^2, \quad Fe ^{3+/ Fe ^{2+}}$ एवं $Co ^{3+} / Co ^{2+}$ में से वह युग्म जिसका मानक इलेक्ट्रॉड विभव ऋणात्मक है, उसके $M ^{3+}$ आयन (गैसीय अवस्था में) का केवल स्पिन चुम्बकीय आघूर्ण $........B.M.$ है।[निकटतम पूर्णाक]
प्रथम श्रेणी के संक्रमण तत्वों के अभिलक्षणों की द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के वर्गों के संगत तत्वों से क्षैतिज वर्गों में तुलना कीजिए। निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष महत्व दीजिए-
$(i)$ इलेक्ट्राॅनिक विन्यास ;
$(ii)$ ओक्सीकरण अवस्थाएं ;
$(iii)$ आयनन एन्थैल्पी तथा
$(iv)$ परमाण्वीय आकार
$Mn ^{3+} / Mn ^{+2}$ युग्म के लिए $E ^{\Theta}$ का मान $Cr ^{3+} / Cr ^{2+}$ अथवा $Fe ^{3+} / Fe ^{2+}$ के मानों से बहुत अधिक धनात्मक क्यों होता है? समझाइए
संक्रमण धातुयें अनुचुम्बकत्व प्रदर्शित करती है