किसी प्रक्षेप्य के परवलयाकार पथ के उच्चतम बिन्दु पर इसके वेग एवं त्वरण की दिशायें होंगी

  • A

    परस्पर लम्बवत् 

  • B

    परस्पर समांतर

  • C

    परस्पर $45°$ के कोण पर

  • D

    परस्पर के प्रति समांतर

Similar Questions

दो प्रक्षेप्य $\mathrm{A}$ व $\mathrm{B}$ को क्षैतिज से $30^{\circ}$ व $60^{\circ}$ के कोण पर क्रमशः $40 \mathrm{~m} / \mathrm{s}$ व $60 \mathrm{~m} / \mathrm{s}$ प्रारम्भिक वेगों से प्रक्षेपित किया जाता है। उनके क्रमशः परासों का अनुपात है $\left(\mathrm{g}=10 \mathrm{~m} / \mathrm{s}^2\right)$

  • [JEE MAIN 2023]

एक पिण्ड $A$ जिसका द्रव्यमान $M$ है, वेग $v$ से क्षैतिज से $30^°$ के कोण पर प्रक्षेपित किया जाता है अन्य पिण्ड जिसका द्रव्यमान पहले पिण्ड के समान है, समान वेग से क्षैतिज से $60^°$ के कोण पर प्रक्षेपित किया जाता है। $A$ तथा $B$ की क्षैतिज परासों का अनुपात होगा

  • [AIPMT 1992]

किसी प्रक्षेप्य की क्षैतिज परास उसकी महत्तम ऊँचाई की चार गुनी है। प्रक्षेपण कोण का मान ....... $^o$ है

नीचे दो कथन दिये गये है: एक को अभिकथन $A$ तथा दूसरे को कारण $R$ से चिन्हित किया गया है। अभिकथन $\mathrm{A}$ : जब एक पिण्ड को $45^{\circ}$ के कोण पर प्रक्षेपित किया जाता है, इसकी परास अधिकतम है।

कारण $R$ : अधिकतम परास के लिए, $\sin 2 \theta$ का मान एक के बराबर होना चाहिए। उपरोक्त कथनों के संदर्भ में नीचे दिये गये विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए।

  • [JEE MAIN 2023]

$x - y$ तल ( $x$ क्षैतिज है एवं $y$ ऊपर की ओर उर्ध्व है) में मूल बिंदु से एक प्रक्षेप को $x$-अक्ष से $\alpha$ कोण बनाते हुए प्रक्षेपित किया जाता है। यदि मूल बिंदु से प्रक्षेपक की दूरी, $r=\sqrt{x^2+y^2}$, को $x$ के सापेक्ष अवलेखन किया जाए, तो $\alpha_1$ एवं $\alpha_2$ प्रक्षेपण कोणों के लिए $r ( x )$ दो अलग-अलग वक्र देता है (सलग्न चित्र देखिए) $\mid \alpha_1$ कोण के लिए $r ( x ), x$ के साथ क्रमशः बढ़ता रहता है। जबकि $\alpha_2$ कोण के लिए $r ( x )$ पहले बढ़ते हुए उच्चतम बिंदु पर पहुँचता है, फिर कम होने लगता है और एक न्यूनतम बिंदु पर पहुँचने के उपरान्त फिर से बढ़ने लगता है। इन दोनों व्यवहारों के बीच संक्रमण (switch) एक खास कोण $\alpha_{ c }\left(\alpha_1 < \alpha_{ c } < \alpha_2\right)$ पर होता है $\mid \alpha_{ c }$ का मान क्या है ? [वायु कर्षण को नगण्य मान लीजिए $\mid y(x)=x \tan \alpha-\frac{1}{2} \frac{\sec ^2 a}{v_0^2} x^2$, जहाँ $v_0$ प्रक्षेप की प्रारंभिक चाल है तथा $g$ गुरुत्वीय त्वरण है

  • [KVPY 2021]