$10.0\,\mu C$ आवेश तथा $1\,\mu g$ द्रव्यमान का एक कण $0.1$ टेसला के चुम्बकीय क्षेत्र के प्रभाव में $10$ $cm$ त्रिज्या के वृत्त में गति करता है। जब कण बिन्दु $P$ पर है तब एकसमान विद्युत क्षेत्र आरोपित किया जाता है, जिससे कण स्पर्श रेखा के अनुदिश एक नियत चाल से गति करना प्रारम्भ करता है। विद्युत क्षेत्र का मान.......$V/m$ है
$0.1$
$1$
$10$
$100$
एक अत्यधिक लम्बे सीधे तार में धारा $I$ प्रवाहित हो रही है किसी क्षण जब बिन्दु $P$ पर एक $ + Q$ आवेश का वेग $\overrightarrow V $ चित्रानुसार है तो आवेश पर आरोपित बल है
किसी क्षेत्र में, एकसमान विधुत और एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र एक ही दिशा के अनुदिश कार्य कर रहे हैं। यदि इस क्षेत्र में एक इलेक्ट्रॉन इस प्रकार प्रक्षेपित किया जाये कि उसके वेग की दिशा, क्षेत्रों की दिशा में हो तो इलेक्ट्रॉन :
विभवान्तर $V$ से एक प्रोटॉन तथा एक $\alpha$-कण (जिनके द्रव्यमान का अनुपात $1: 4$ तथा आवेशों का अनुपात $1: 2$ है) को स्थिरावस्था से त्वरित करते हैं। यदि उनके वेगों के लम्बवत् एक एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र $(B)$ लगाया जाये तो इन कणों के वृत्ताकार पथों की त्रिज्याओं का अनुपात $r _{ p }: r _{\alpha}$ होगा ।
एक आवेशित कण $v$ वेग से $B$ तीव्रता के चुम्बकीय क्षेत्र में गति करता है। कण पर आरोपित चुम्बकीय बल होगा
$10^{8}$ कूलाम/किग्रा विशिष्ट आवेश वाला एक आवेशित कण $3 \times 10^{5}$ मी/सेकंड के वेग से $0.3\; T$ वाले चुम्बकीय क्षेत्र में क्षेत्र से $30^{\circ}$ का कौन बनाते हुए प्रवेश करता है तो वक्रता त्रिज्या होगी