$_{84}{X^{202}}$ का नाभिक पहले एक $\alpha-$ कण उत्सर्जित करता है फिर एक $\beta-$ कण तथा फिर गामा फोटॉन उत्सर्जित करता है। अन्त में बने नाभिक का परमाणु क्रमांक है
$200$
$199$
$83$
$198$
जब यूरेनियम ${ }_{92} U ^{238}$ लैड ${ }_{82} Pb ^{206}$ में विघटित होता है तो कितने एल्फा एवं बीटा कण उत्सर्जित होंगे ?
शुरूआत में रेडियोधर्मी वीटा–क्षय को केवल इलेक्ट्रॉनों के उत्सर्जन के साथ नाभिक का क्षय माना गया था (स्थिति $I$)। परन्तु बाद में पाया गया कि इलेक्ट्रॉनों के साथ एक और लगभग भारहीन तथा अनावेशित कण भी उत्सर्जित होता है। (स्थिति $II$) नीचे दिखाये चित्र के अनुसार कौनसा कथन सही है।
विभिन्न परमाणुक कणों का मान
$m _{ p }=1.0072\, u , m _{ n }=1.0087 \,u$ $m _{ e }=0.000548 \,u , m _{ v }=0, m _{ d }=2.0141\, u$ है
जहां $p \equiv$ प्रोटॉन, $n \equiv$ न्यूट्रॉन, $e \equiv$ इलेक्ट्रॉन, $\overline{ v } \equiv$ एण्टी (प्रति) न्यूट्रिनों तथा $d \equiv$ ड्यूटिरॉन है। संवेग तथा ऊर्जा संरक्षण के अनुसार निम्न में से कौनसा प्रक्रम अनुमत है ?
एक रेडियोधर्मी नाभिक स्थाई तत्व बनाने के लिए $\alpha - $ उत्सर्जन करता है। पुत्री नाभिक का प्रतिक्षिप्त वेग क्या होगा यदि $\alpha - $ उत्सर्जन का वेग $V$ हो तथा रेडियोधर्मी नाभिक का परमाणु भार $A$ हो
$\gamma$-किरणों से इलेक्ट्रॉन, पोजीट्रॉन युग्म बनाया जा सकता है। इस युग्म उत्पादन की प्रक्रिया में $\gamma$ -किरणों की ऊर्जा किस ऊर्जा .......$MeV$ से कम नहीं हो सकती